Jamshedpur West Vidhan Sabha: बन्ना गुप्ता किस वजह से हारे? खुद बताई अंदर की बात, Viral Video पर दी सफाई |
जमशेदपुर पश्चिमी के पूर्व विधायक सह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार बुधवार को कदमा स्थित अपने आवास में प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि चुनावों के परिणाम के बाद मैं लगातार अपने कार्यकर्ताओं, शुभचिंतकों से मिल रहा हूं। सभी हार के कारण बता रहे हैं और सभी बातें आंशिक रुप से सही है। कोई कह रहा है कि आपका इंटरनेट मीडिया कमजोर रहा।
मेरे विरोधियों ने मेरे खिलाफ खेल कर दिया: बन्ना गुप्ता -
जबकि विपक्षियों का इंटरनेट मीडिया काफी सक्रिय था। विशेष कर इनलोगों ने मुझे एक वीडियो की ओर इंगित किया, जिसमें मैं हिंदू-मुस्लिम पर भाषण देता हुआ दिख रहा हूं। मेरे विरोधियों ने लगभग 9 नवंबर को मेरे एक भाषण का कुछ अंश काट-छांट कर चलाना प्रारंभ किया। मैंने अपने भाषण में कहा था कि अपने देश में हर दस कोस पर भाषा, बोली, खानपान और पहनावा बदल जाता है।
उसके बावजूद अनेकता में एकता वाले भारत में हम सभी धर्म जात पात के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं। यदि किसी हिंदू भाई के घर में कोई समस्या आती है तो मुस्लिम भाई मदद के लिए आगे आ जाता है, वहीं किसी मुस्लिम भाई के घर कोई दिक्कत आती है तो सहयोग के लिए हिंदू भाई खड़ा मिलता है।
भाषण का किया जिक्र -
* मैंने कहा था कि यदि कोई मुस्लिम कट्टरवादी किसी हिंदू भाई पर हमला करते हैं तो उसके विरोध में मुस्लिम भाइयों को खड़ा होना चाहिए |
* वहीं, यदि कोई हिंदू कट्टरवादी किसी मुस्लिम के यहां हमला करते हैं, तो उसका विरोध हिंदू भाइयों को करना चाहिए, क्योंकि अपना देश उदारवाद का देश है, कट्टरवाद का देश नहीं है।
* किंतु इस भाषण का केवल एक अंश चलाया गया। उसे भरपूर प्रसारित किया गया।
हिंदू-मुस्लिम का नेरेटिव सेट करने में कामयाब हुआ विपक्ष -
मैंने भी वह वीडियो देखा, तो मैंने यही सोचा था कि चुनाव में ऐसे नकारात्मक प्रचार या यूं कहूं कि दुष्प्रचार होते रहते हैं। जनता अब जागरूक हो चुकी है। जमशेदपुर की पढ़ी लिखी समझदार जनता इन हल्की बातों अथवा हिंदू मुस्लिम के दुष्प्रचार में नहीं पड़ने वाली, किंतु मुझे यह आभास नहीं हुआ कि वे लोग एक साजिश के तहत नेरेटिव सेट करने में कामयाब हो चुके हैं।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि चुनाव की घोषणा के पश्चात वे अपने पांच साल के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों को लेकर चुनावी मैदान में जनता के बीच थे। इसी बीच विपक्षी दल के नेता केवल धार्मिक उन्माद फैलाने का काम कर रहे थे, वो लोग मेरे विरुद्ध हिंदू-मुस्लिम का एक नेरेटिव तय कर रहे थे, जिसमें वे लोग सफल भी हो गए।
पिछले 5 साल में मैंने हर जाति-समुदाय के लिए काम किया -
पिछले पांच साल के दौरान जो भी लोग अपने निजी या सामाजिक काम के लिए मेरे पास आए होंगे, वे जानते होंगे कि मैं किसी का भी काम करते समय ना उसकी जात पात पूछता था, ना विधानसभा क्षेत्र या पार्टी लाइन देखता था। मुझे यही लगता था कि यह व्यक्ति उम्मीद लेकर मेरे पास आया है, मुझे यथाशक्ति इनका काम करना है। मगर सरयू राय व उनके समर्थक धार्मिक उन्माद फैला कर अपनी चाल में कामयाब हो गये।