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उत्तर प्रदेश राइटर्स अवार्ड फेस्टिवल- 2024" लखनऊ में अर्चना सिंह सम्मानित हुईं

हिन्दी रचनाकार मंच" द्वारा 24 नवंबर 2024 को लखनऊ के "आर्यावर्त ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशन" के सभागार में "उत्तर प्रदेश राइटर्स अवार्ड फेस्टिवल" का आयोजन किया गया।कवियत्री एवं साहित्यकार , शिक्षिका ,अर्चना सिंह को उनके अनवरत साहित्य साधना हेतु ,आर्यवर्त ग्रुप ऑफ एजुकेशन लखनऊ के सभागार में विश्व हिन्दी रचनाकार मंच द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश राईटर्स अवार्ड 2024 में उत्तर प्रदेश कवयित्री सम्मान से सम्मानित किया गया l जिसके अंतर्गत उन्हें स्वर्णिम शिल्डऔर प्रमाण पत्र प्रदान किया गया
समारोह का शुभारंभ मंच के संस्थापक अध्यक्ष एवं समारोह के मुख्य अतिथि राघवेन्द्र ठाकुर द्वारा मां शारदे की ज्योति प्रज्ज्वलित कर हुआ।
मंच की व्यवस्था का कार्य भार मंच की "नेशनल मीडिया कॉर्डिनेटर" रमा दुबे "रामेश्वरी" ने संभाला एवं समारोह का सफल संचालन रमा दुबे "रामेश्वरी" एवं मीनाक्षी सिंह ने किया।
इस समारोह में आर्यावर्त संस्थान की "कार्यकारी निदेशक" राखी खरबंदा जी का राघवेन्द्र ठाकुर द्वारा शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
समारोह में लगभग 40 रचनाकारों को मंच की ओर से सम्मानित किया गया। सभी सम्मानित रचनाकारों ने मंच से सरस काव्य पाठ प्रस्तुत किया l
उत्तर प्रदेश कवयित्री सम्मान" से सम्मानित होने वाली कवियत्री अर्चना सिंह ने बताया कि आज की रचना उन्होंने आधुनिक नारी शक्ति को समर्पित किया है जिसका शीर्षक "बोंसाई स्त्री" है जिसे सभागार में उपस्थित सभी साहित्यकारों ने मुक्त कंठ से सराहा llअर्चना सिंह महराजगंज जनपद की जानी मानी कवयित्री हैं जिनकी सैकड़ों रचनाएं देश विदेश की विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है तथा साहित्य के क्षेत्र मे उल्लेखनीय योगदान के लिए अब तक दर्जनों सम्मान मिल चुके हैं। अर्चना जी की रचना जीवंत लगती है बड़े अच्छे शब्दों का चयन किया है कविता में। ऐसे लेखकों से ही असल समाज का निर्माण होता है जो विकास और सकारात्मक परिवर्तन के लिए लिखते हैं।ऐसे विशिष्ट रचनाकारों की पहचान कर राज्य की प्रोत्साहन राशि तथा सम्मान करने की आवश्यकता है l महराजगंज जनपद के लिए गर्व का विषय है l पत्रकारों से बात करते हुए अर्चना सिंह जी ने कहा कि " लेखन का उद्देश्य ज्ञान की गंगा बहाते हुए मुरझाये हुए जीवन को कुसुम-सा खिलाना, सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार कर सकारात्मक सोच को पल्लवित-पुष्पित करना, स्वान्तः सुखाय एवं लोक कल्याण करना है।"

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