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क्या आपके परिवार में कोई सोते-सोते चिल्लाने लगता है? तो हो सकता है मिडनाइट एंग्जाइटी शिकार, ऐसे करें मदद

क्या आपके परिवार में कोई सोते-सोते चिल्लाने लगता है? तो हो सकता है मिडनाइट एंग्जाइटी शिकार, ऐसे करें मदद

पिपरासी से सूरज यादव

आजकल भागदौड़ के बीच लोगों के पास खुद के लिए भी वक्त निकालना मुश्किल हो गया है. चाहे टीनएजर या वर्क प्लेस पर काम करने वाले लोग सभी स्ट्रेस और एंग्जाइटी के शिकार हैं. बात घरों में रहने वाली महिलाओं की करें या रिटायर्ड बुजुर्ग की, हर कोई किसी न किसी वजह से स्ट्रेस झेल रहा है. आपने अपने घर, आस-पड़ोस या परिवार में किसी ऐसे इंसान को जरूर देखा होगा जो अचानक रात में उठकर चिल्लाने लगता है. इसे साफ शब्दों में कहें तो यह "मिडनाइट एंग्जाइटी", के लक्षण हैं.
मिडनाइट एंग्जाइटी के शिकार लोगों को रात में सोते-सोते अचानक पैनिक अटैक आ जाता है. यह स्थिति किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति का संकेत हो सकती है, जिसमें चिंता और डर के भाव दिखते हैं, जो नींद के दौरान बाहर निकलते हैं. इसका व्यक्ति पर मानसिक और शारीरिक असर हो सकता है, जिससे नींद की क्वालिटी और लाइफ साइकिल डिस्टर्ब होती है.
तो चलिए जानते हैं मिडनाइट एंग्जाइटी के कारण मिडनाइट एंग्जाइटी के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें कुछ प्रमुख तनाव, आकस्मिक घटनाएं, मानसिक स्वास्थ्य विकार, या भावनात्मक अनुभव हो सकते हैं. यदि आपके परिवार में कोई इस समस्या का सामना कर रहा है, तो सबसे पहले अहम है कि उनके लिए एक सहायक वातावरण तैयार करें. उससे बात करें और उसे हर तरीके से सपोर्ट करें. उसे अकेला न छोड़ें
क्या होता है मिड नाइट एंग्जाइटी अटैक ? कई बार अपने आस-पास लोगों को देखा होगा कि वे नींद में ही सोते-सोते चिल्लाने लगते हैं. इसके अलावा अचानक से उठकर बैठ जाना, तेजी से पसीना बहना मिड माइंड एंग्जाइटी के लक्षण हैं. इस अटैक के कारण सोता हुआ इंसान कोई बुरा सपना देखकर डरकर उठ जाता है. इस दौरान कई लोगों को चेस्ट पेन भी महसूस होता है.
मिडनाइट एंग्जाइटी के लक्षण
• किसी बात पर गौर से सोचने पर घबराहट
• किसी काम पर फोकस करने में दिक्कत
• सही से नींद न आना और घबराकर बार-बार उठना
किन कारणों से हो सकता है मिड नाइट एंग्जाइटी अटैक
1. जब कभी किसी काम को लेकर आप ज्यादा स्ट्रेस लेते हैं. दिन-रात उसी बात को सोचते रहने से मिड नाइट पैनिक अटैक के शिकार हो सकते हैं.
2. अगर आपका स्लीप हैबिट सही नहीं है तो आप मिड नाइट एंग्जाइटी अटैक के शिकार हो सकते हैं.
3. वैसे लोग जो किसी मेंटल प्रेशर या किसी दर्दनाक बीमारी या किसी अपने के दूर होने से स्ट्रेस में हैं.
आइए जानते हैं इससे राहत पाने के कुछ उपाय
1. कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी
यह एक साइकोथेरेपी है. इस थेरेपी में मरीजों के अटैक का कारण जानकर सही तरीके से इलाज किया जाता है. इस थेरेपी से मरीज की चिंता, डर और हड़बड़ाहट को दूर किया जा सकता है और पैनिक अटैक को बहुत हद तक कम भी किया जाता है.
2. एक्सरसाइज को करें डेली रूटीन में शामिल नाइट टाइम एंग्जाइटी से निपटने के लिए आपको सुबह और रात के रूटीन में शामिल करें. इससे पीड़ित व्यक्ति को काफी लाभ मिलता है क्योंकि थकान से अच्छी नींद आती है.
3. सोने के समय को करें तय देर रात जागने से आए दिन लोग परेशान होते हैं. नींद न आने के कारण कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं. इसके साथ ही हार्मोन इंबैलेंस होता है. इसलिए हर दिन 8 से 10 घंटे की नींद जरूर लें.
4. रात में अल्कोहल और कैफीन को करें 'NO' अगर आप एंग्जायटी अटैक के शिकार हैं तो आपको सोने पहले चाय और कॉफी नहीं पीनी चाहिए.

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