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विश्वराज सिंह मेवाड़ होंगे 77वें महाराणा, 25 को होगा राजगद्दी पर बिराजने का दस्तूर समारोह

उदयपुर: पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद अब उनके सुपुत्र नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ को राजगद्दी पर बैठने की परंपरा पूरी की जाएगी। 25 नवंबर को यह कार्यक्रम चित्तौड़गढ़ में होगा। चित्तौड़गढ़ किले के फतेह प्रकाश पैलेस में विश्वराज सिंह मेवाड़ का मेवाड़ राजवंश के 77वें महाराणा के रूप में राजगद्दी पर बिराजने का दस्तूर समारोह किया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है। कार्यक्रम के हजारों लोग साक्षी बनेंगे।40 साल बाद मेवाड़ की राजगद्दी पर महाराणा बिराजने का दस्तूर की परंपरा का निर्वहन होने जा रहा है। यह उत्सव मेवाड़ के 36 कोम और साधु-संतों की मौजूदगी में होगा। मेवाड़ के सभी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होंगे। वहीं, विभिन्न राजघरानों के मुखिया भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके अलावा राजनीतिक, सांस्कृतिक, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों की हस्तियां भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगी।
राजगद्दी पर बैठने की परंपरा पूरी होने के उपरांत महाराणा को एकलिंगनाथजी मंदिर जाने की परंपरा है। जहां भगवान एकलिंगनाथजी के आशीर्वाद से पुजारी महाराणा का शोक समाप्त करते हैं । और उनका रंग बदलते हैं। फिर महाराणा सफेद की जगह रंगीन पगड़ी पहनेंगे। उसके बाद शाम को समोर बाग पैलेस में रंग दस्तूर कार्यक्रम का आयोजन होगा। जिसमें महाराणा अपने परिवार के सदस्यों और सभी उमरावों और बतीसा को रंग देते हैं। ताकि सभी एक ही रंग की मेवाड़ी पगड़ी पहन सकें।
मेवाड़ के 77 वें महाराणा होंगे।

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