उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन द्वारा 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्य महाप्रबंधक से विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी
देहरादून। उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन द्वारा 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्य महाप्रबंधक से विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी। संगठन की मांगों में शासन को यूएसडीएसए द्वारा कराए जाने वाले कार्य पूर्ण होने के तत्पश्चात उत्तराखंड जल संस्थान को शीघ्र स्थानांतरित हेतु शासन को पत्र लिखवाने, कर्मचारियों को होने वाले पीएफ पर नुकसान को तत्काल विभाग स्तर पर राज्य कर्मचारियों की भांति जीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज जल संस्थान के कर्मचारियों को दिलाने, टीडीएस की कटौती को शीघ्र बंद करने, विभाग में आईटीआई पंप चालकों का ग्रेट वेतन 1900 के स्थान पर 2400 करने, ढांचे में मृत पदों को पुनर्जीवित करने , समूह घ से ग मैं इंटर धारक वालों को भी सम्मिलित करने, विभाग में शाखावर हेड फाइटर पाइपलाइन अधीक्षक एवं शिफ्ट इंचार्ज पंप हाउस अधीक्षक का वेतनमान ग्रेड वेतन 4200 एवं पदों में प्रमोशन के पद बढ़ाने, विभाग में कर्मचारियों द्वारा अपने व्यक्तिगत वाहन का प्रयोग के जाने पर कर्मचारियों को रुपए 1200 वाहन भत्ता का भुगतान वेतन में शीघ्र लगाने, विभाग में कार्यरत पी टी सी कर्मचारियों का मानदेय शीघ्र बढ़ाने, कार्मिकों का राज्यकीयकरण करने आदि हैं। जल संस्थान कर्मचारी संगठन के मांग पत्र पर जल संस्थान प्रबंध पक्ष के मुख्य महाप्रबंधक महोदय द्वारा अपनी सहमति दी गई। वार्ता में प्रबंधक पक्ष की तरफ से मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती नीलिमा गर्ग, मनीष सेमवाल, सचिन अप्रेजल, मुख्य लेखा अधिकारी देवराज, अधिष्ठान लिपिक सुभाष बहुगुणा तथा जल संस्थान कर्मचारी संगठन की ओर से संजय जोशी प्रदेश अध्यक्ष, श्याम सिंह नेगी प्रदेश महामंत्री, रामचंद्र सेमवाल प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष, संदीप मल्होत्रा प्रदेश उपाध्यक्ष, परदेस उपाध्यक्ष महेश राम, लाल सिंह रौतेला कोषाध्यक्ष प्रदेश, शिशुपाल सिंह रावत मंडलीय महामंत्री गढ़वाल, धन सिंह चौहान कार्यालय सचिव, जीवानंद भट्ट प्रदेश मीडिया प्रभारी, प्रेम सिंह रावत गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी, धूम सिंह सोलंकी, शिव प्रसाद शर्मा प्रदेश संगठन मंत्री, मनोज सक्सेना कार्यकारी अध्यक्ष कुमाऊं, महेश राम आदि कर्मचारी उपस्थित रहे। अंत में कर्मचारी संगठन द्वारा उत्तराखंड जल संस्थान प्रबंधन पक्ष पर विश्वास करते हुए अपेक्षा की गई कि आज की वार्ता में लिए गए बिंदुओं पर जो वार्ता सफल हुई, को तत्काल कर्मचारी हितों में शासन स्तर से शीघ्र अनुमन्य करवाया जाए। संगठन द्वारा प्रबंधक पक्ष जल संस्थान का आभार व्यक्त किया गया।