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छत्तीसगढ़: गांव के सरपंच और उपसरपंच की मिलीभगत से महिला की पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जा, परिवार पर जानलेवा हमला और प्रशासनिक निष्क्रियता का आरोप

घटना का पूरा विवरण
कोरिया, छत्तीसगढ़:
जिला कोरिया के बैकुण्ठपुर तहसील अंतर्गत ग्राम सागरपुर में एक महिला और उसके परिवार के साथ षड्यंत्रपूर्वक उनकी पुश्तैनी भूमि पर अवैध कब्जा, मकान तोड़फोड़ और शारीरिक हमला करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़िता नीता साहू, जो स्व. महिपाल साहू की पुत्री हैं, ने आरोप लगाया है कि गांव के सरपंच, उपसरपंच और कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने राजनीतिक दबाव और प्रशासनिक मिलीभगत से उनकी जमीन पर पानी टंकी बनाने के लिए कब्जा कर लिया।

भूमि विवाद और मकान तोड़फोड़:
नीता साहू का कहना है कि उनकी पुश्तैनी भूमि (ख. नं. 369, रकबा 30 डिसमिल) उनके परनाना स्व. जगदेव साहू से विरासत में मिली है। यह भूमि वर्षों से उनके परिवार के कब्जे में है। 2011 में इस भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर करके ख. नं. 369/1 और 369/2 का नक्शा विभाजित किया गया। 2024 में गांव के सरपंच और उपसरपंच ने षड्यंत्रपूर्वक उनके पक्के मकान को गिरा दिया।

जहर पिलाने और हमले की घटना:
जब नीता की मां ने मकान गिराने का विरोध किया, तो ठेकेदार ने उन्हें कथित रूप से जबरन जहर पिला दिया और अचेत अवस्था में उन्हें दफनाने का प्रयास किया। हालांकि, समय रहते उनकी मां को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने न तो मामला दर्ज किया और न ही मेडिकल लीगल केस (MLC) की प्रक्रिया पूरी की।

इसके पहले, 5 अगस्त 2024 को, जब नीता और उनका भाई अपनी जमीन बचाने का प्रयास कर रहे थे, तो सरपंच के समर्थकों ने उन पर घातक हथियारों से हमला किया। इस घटना में नीता के सिर में गंभीर चोटें आईं और उनका एक महीने तक इलाज चला।

राजनीतिक दबाव और प्रशासनिक लापरवाही:
नीता ने बताया कि सरपंच और उपसरपंच ने क्षेत्रीय विधायक को चुनाव में वोट दिलाने का लालच देकर अपने पक्ष में किया। इसके बाद, अधिकारियों और पुलिस की मिलीभगत से उनकी जमीन पर पानी टंकी का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया गया।

पीड़िता का आरोप है कि इस पूरे षड्यंत्र में पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं, जो उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर रहे हैं। कई बार कलेक्टर, एसडीएम और पुलिस में आवेदन देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

सामाजिक बहिष्कार:
नीता ने यह भी बताया कि उनके नाना के निधन के बाद, गांव के साहू समाज ने उनसे धन और भूमि की मांग की थी। जब उनकी मां ने अंतिम संस्कार स्वयं किया, तो समाज ने इसे नियम विरुद्ध मानते हुए उनके परिवार का बहिष्कार कर दिया।

परिवार का संघर्ष और न्याय की गुहार:
पीड़िता ने प्रशासन और पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, "हमारी जमीन हड़पने के लिए षड्यंत्र किया जा रहा है। मकान तोड़ दिया गया, मां को जहर दिया गया और हमें जान से मारने की कोशिश की गई। लेकिन पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। अब हमारा परिवार डर के साये में जी रहा है।"

नीता साहू ने अपनी भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे को रोकने, हमलावरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

स्थानीय लोगों की चुप्पी:
गांव के अन्य निवासी इस मामले पर बोलने से बच रहे हैं। साहू समाज और राजनीतिक दबाव के कारण लोग खुलकर समर्थन देने से डरते हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:
इस मामले में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। हालांकि, अभी तक किसी ठोस कार्रवाई की खबर नहीं है।

समाप्ति:
यह मामला न केवल एक परिवार के जीवन और आजीविका को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यह प्रशासन और स्थानीय राजनीति की खामियों को भी उजागर करता है। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन पीड़िता को कब और कैसे न्याय दिलाते हैं।

रिपोर्ट: [संतोष सूर्या‚ अैमा मीडिया]

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