बिहार पटना सदर की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह ने तबादले के बाद भी भ्रष्टाचार का भारी खेल कर निकली लेकिन अब बचना मुश्किल..
मैत्री सिंह वर्तमान में विश्वविद्यालय सेवा आयोग में विशेष कार्य पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं।
☆कई लोगों ने शिकायत की थी कि मैत्री सिंह के दलाल दाखिल-खारिज के लिए पैसे लेकर बैकडेट में काम करवाने का दबाव बना रहे हैं।
☆जांच में पता चला कि मैत्री सिंह कार्यालय से 700 से अधिक फाइलें गायब कर चुकी थीं। बाद में उन्होंने 255 फाइलें लौटा दीं, लेकिन 451 फाइलें अभी भी लापता हैं। इन लापता फाइलों में भी बैकडेट में आदेश पारित किए जाने की आशंका है।
☆22 अक्टूबर को तबादले के बाद भी उन्होंने 255 दाखिल-खारिज के अभिलेखों का निष्पादन बैकडेट में किया और कई सरकारी दस्तावेज अपने साथ ले गईं।
☆जांच में यह भी पता चला है कि कार्यालय से कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य उपकरण भी गायब हैं। मैत्री सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
☆यह पहली बार नहीं है जब पटना में किसी डीसीएलआर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। पिछले साल भी दानापुर के डीसीएलआर को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।