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*क्या गरीब की जान की कोई कीमत नहीं होती ?*

🔸इन दिनों उज्जैन में सिंधी कॉलोनी चौराहा से हरि फाटक ब्रिज तक आंतरिक फोरलेन बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसमें सेंटर डिवाइडर एवं बिजली के पोल शिफ्टिंग का कार्य शुरू हो चुका है

🔸इस बीच इलेक्ट्रिसिटी पोल शिफ्टिंग के चलते यह कार्य ठेका पद्धति पर दिया गया है ठेकेदार द्वारा आउटसोर्स कर्मचारी से यह कार्य कराया जा रहा है परंतु इन कर्मचारियों को विद्युत रोधीउपकरण हाथ में दस्ताने से लेकर अन्य कोई भी सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए,
इसके अभाव में कई बार कर्मचारियों की जान तक जा चुकी है यहां पर भी अगर गलती से भी एकाएक लाइट चालू हो जाए या कोई कारण से करंट फैल जाए तो निश्चित रूप से जान पर बन आए,,
🔸ऐसे में सवाल उठता है क्यागरीब की जान की कोई कीमत नहीं ठेकेदार द्वारा यह गंभीर लापरवाही है जो किस निर्दोष की जान का कारण भी बन सकती है,,,

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