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*बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत बाल विवाह रोकथाम के लिए दीवारों में लिखे गए नारे*


_संभागीय ब्यूरो शहडोल जियाउद्दीन अंसारी की रिपोर्ट_

*युवा टीम ने बाल विवाह एक अभिशाप है का लगाया नारा, लोगों को किया जागरूक*

उमरिया-“बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान के तहत उमरिया कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन के मार्गदर्शन पर जिले की सक्रिय युवाओं की टोली युवा टीम उमरिया द्वारा विकास खंड मानपुर ग्राम पंचायत पिपरिया गांव की दीवारों में जागरूकता हेतु नारे लिखकर लोगों को जागरूक किया गया।इस दौरान लोगों को बाल विवाह से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया। बाल विवाह बच्‍चों के अधिकारों का अतिक्रमण करता है, जिससे उनपर हिंसा, शोषण और यौन शोषण का खतरा बना रहता है।
वालंटियर हिमांशु तिवारी ने कहा कि लड़कियों पर पड़ता है अधिक प्रभाव बाल विवाह लड़कियों और लड़कों दोनों पर असर डालता है, लेकिन इसका प्रभाव लड़कियों पर अधिक पड़ता है।ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह कर देते हैं, जिसके दुष्परिणाम होते हैं। किसी लड़की की 18 या लड़के की शादी 21 साल की उम्र से पहले होना बाल विवाह कहलाता है। बाल विवाह में औपचारिक विवाह और अनौपचारिक संबंध भी आते हैं। जहां 18 साल से कम उम्र के बच्‍चे शादीशुदा जोड़े की तरह रहते हैं।बाल विवाह बच्‍चों की शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और संरक्षण पर नकारात्‍मक प्रभाव डालता है।
खुशी सेन ने कहा रैली के माध्यम से बाल-विवाह जैसी कुप्रथा के बारे में जागरूकता लाने और बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करने को लेकर जागरूक कार्यक्रम आयोजित किया गया। दीवार लेखन के दौरान वालंटियर हिमांशु तिवारी, खुशी सेन, साक्षी रैदास, वर्षा बर्मन, मनि दीप मिश्रा, खुशबू बर्मन व सभी उपस्थित रहे।

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