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मेरठ के कवि व प्रकाशक डॉ सुदेश दिव्य को सुन मैनपुरी के श्रोता हुए मुग्ध


संभल कर बोलना हमसे, बहुत मुंहजोर हैं हम भी....
मैनपुरी/मेरठ - श्रीरामलीला कमेटी अशोकपुर व हिंदी साहित्य अकादमी भारत के संयुक्त तत्वधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ कुरावली के नगर पंचायत अध्यक्ष धर्मेंद्र वर्मा उर्फ धम्मा भैया ने दीप प्रज्जवलन कर किया और कार्यक्रम की अध्यक्षता लखनऊ विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ. संग्राम सिंह चौहान ने की।
उक्त कवि सम्मेलन में कुरावली नगर के गंगापुर निवासी लेखक मनोज शाक्य की पुस्तक विश्व शांति संदेश का भव्यता पूर्ण विमोचन किया गया, इस पुस्तक का प्रकाशन अराध्या प्रकाशन मेरठ ने किया उसके प्रकाशक डा. सुदेश यादव दिव्य की गरिमामयी उपस्थिति भी कार्यक्रम में रही। कवि सम्मेलन में कवि प्रदीप दिहुलिया
चरखारी महोबा (बुन्देलखंड) ने कहा—
चाहते हो जीवन को सफल बनाना यदि,
पत्नी की हां में हां मिलाते चले जाइए,
वो दिन को कहे जो रात दूध को कहे जो भात,
सहमति से शीश को हिलाते चले जाइए।
एटा से पधारे वरिष्ठ कवि आर्य राजेश यादव ने कुछ इस प्रकार अपनी बात को कहा—
रामजी का घर तो बन गया अवध में,
श्याम जी के घर की हो रही तैयारी है,
हर हर महादेव काशी में गूंज रहा,
अब तो हमारे बृज धाम की बारी है।
कवि विनोद "साँवरिया" ने कुछ यूं कहा—
ज़ख्म कितना भी गहरा हो उसे सीना ही पड़ता है,
भले गम से भरा जीवन हो पर जीना ही पड़ता है,
जहाँ में प्रेम और विश्वास की श्रद्धा बचाने को,
कभी मीरा कभी शिव को ज़हर पीना ही पड़ता है।
कोटा (राजस्थान) से पधारे कवि भूपेन्द्र राठौर ने सुनाया—
आओ मिलकर दीप जलाए, राम अवध में आए हैं,
अंधियारे को दूर भगाकर, श्री राम रोशनी लाए हैं,
जात पात के बंधन टूटे, हम ऐसे दिए जलाएं जी
हर देहरी पर दीप जलाकर, वन्दे मातरम गाये जी।
राॅंची झारखण्ड से पधारी कवयित्री मीनाबंधन ने सुनाया—
ज़ख्म ए मरहम निचोड़ देता है
इस तरह दिल मरोड़ देता है
यार मेरा करे करिश्मा ये
दिल के टुकड़ों को जोड़ देता है।
कवि विपिन चौहान मन ने सुनाया—
जो रंग मयस्सर हैं, कहां हम से बने हैं
सब दीद की दरकार के मौसम से बने हैं
हम वैसे नहीं हैं जो नजर आये हैं तुमको
हम ऐसे किसी शख़्स के मातम से बने हैं।
मेरठ से पधारे वरिष्ठ कवि डा. सुदेश यादव दिव्य ने सुनाया—
संभलकर बोलना हमसे बहुत मुंहजोर हैं हम भी
बुलंदी पर खडे हो तुम तो आता दौर हैं हम भी
डुबाने के सनम तेवर दिखाना सोचकर हमको
अगर दरिया तुम्हें कहते तो गोताखोर हैं हम भी।
ओज कवि मनोज चौहान ने अपने तेवर में कुछ यूं कहा—
कुछ तो पढकर लिखीं, कुछ जुबानी लिखी
ज़िन्दगी हमनें बस पानी-पानी लिखी
आप तो प्यार लिखते रहे उम्र भर
हमनें बस सरहदों की कहानी लिखी।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का संयोजन ग्राम अशोकपुर निवासी राष्ट्रीय कवि मनोज चौहान ने किया एवं संचालन प्रसिद्ध कवि सतीश मधु ने किया। कार्यक्रम में भारत के विभिन्न प्रांतो से आए कवि एवं कवयित्रियों ने कविता पाठ किया। सबने एक से बढ़कर एक कविता पाठ कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध करते हुए पूरी रात कविता की भागीरथी को बहाया।
इस अवसर पर रामलीला कमेटी के समस्त पदाधिकारी एवं आसपास के क्षेत्र के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में भाजपा नेता राहुल राठौर, शिशुपाल सिंह चौहान, मनोज शाक्य, बबली वकील, संत कुमार यादव, निर्दोष सिंह राठौड़, सत्येंद्र सिंह चौहान, राजेश ठाकुर, विनोद सिंह चौहान, श्याम मोहन पाठक, जैन नारायण भदोरिया, चंद्र प्रकाश सिंह चौहान, सतीश चंद्र तिवारी, नीरज शर्मा, सौरव चौहान, सागर भदोरिया, अमन भदोरिया आदि लोग उपस्थित रहे।

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