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राजसमंद में टोल प्लाजा पर जलाने लगे शव, फिर प्रधान की मध्यस्थता में बनी सहमति

राजसमंद में टोल प्लाजा पर जलाने लगे शव, फिर प्रधान की मध्यस्थता में बनी सहमति

राजसमंद जिले में केलवा थाना क्षेत्र के मांडावाड़ा टोल प्लाजा पर सुरक्षाकर्मी की मौत के बाद इलाज नहीं करवाने व आहत परिवार को मुआवजे की बात को लेकर रात से शुरू हुआ गतिरोध करीब 16 घंटे बाद थम गया। सुबह से प्रधान अरविंदसिंह राठौड़, डीएसपी ज्ञानदेंस्रिंह राठौड़ की मध्यस्थता में कई दौर की वार्ता टोल कंपनी व सिक्युरिटी कंपनी के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई। दोपहर दो बजे परिजनों व टोल कंपनी के बीच सहमति बनने पर शव को उठाने पर ग्रामीण रजामंद हुए। अब केलवा अस्पताल में शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई चल रही है और उसके बाद अंतेष्टी की जाएगी।

केलवा थाना प्रभारी लक्ष्मणराम विश्नोई ने बताया कि मांडावाड़ा निवासी 40 वर्षीय रायसिंह पुत्र सोहनसिंह राठौड़ टोल प्लाजा मांडावाड़ पर ही सुरक्षाकर्मी की नौकरी करता है। वह शाम 4 बजे ड्यूटी पर आया और रात करीब दस बजे तबीयत खराब होने पर ब्रेंच पर सो गया। फिर उसकी मौत हो गई। घटना के बाद लोग कुछ आक्रोशित हो गए थे। ग्रामीण लकड़ी लेकर आ गए और टोल कार्यालय के बाहर शव के अंतेष्टी करने के प्रयास करने लगे, लेकिन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा समझाइश की गई। फिर टोल कंपनी के अधिकारियों ने भी पीड़ित परिवार व ग्रामीणों से वार्ता की, जिस पर परिजन- ग्रामीण व टोल कंपनी के बीच सहमति बन गई। अब शव को केलवा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई । फिलहाल मृतक की पत्नी को पेंशन दिलाने व परिवार के एक सदस्य को नौकरी पर भी लगभग सहमति बनी है। इसके अलावा बीमा क्लेम के अलावा टोल कंपनी से कुछ आर्थिक मदद दिलाने पर भी परिजन सहमत हो चुके हैं। इसके साथ ही शव को टोल प्लाजा से उठा लिया और उसके बाद केलवा अस्पताल में पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई।

सैकड़ों ग्रामीणों ने टोल कार्यालय पर दिया धरना
टोल प्लाजा पर कार्यरत सुरक्षाकर्मी रायसिंह राठौड़ की मौत के बाद आक्रोशित मांडावाड़ा के साथ आस पास के गांवों से बड़ी तादाद में ग्रामीण धरने पर बैठ गए। प्रधान अरविंदसिंह राठौड़, खटामला सरपंच हिम्मतसिंह चुंडावत, समाजसेवी दिनेश बड़ाला, महेंद्रसिंह चौहान सहित कई ग्रामवासी मौजूद थे।

प्रधान बोले- परिजन संतुष्ट, अंतेष्टी की तैयारी
राजसमंद प्रधान अरविदंसिंह राठौड़ ने कहा कि सुरक्षाकर्मी की मौत के करीब सोलह घंटे बाद टोल कंपनी, सिक्युरिटी एजेंसी व परिजनों के बीच वार्ता करवाई। साथ ही समझाइश के प्रयास से परिजन संतुष्ट हो गए हैं। परिजनों की कुछ शर्ते थी, जिस पर कंपनी द्वारा सहमति दी है।

गतिरोध खत्म, पुलिस ने दर्ज किया प्रकरण
सुरक्षाकर्मी की मौत के बाद ग्रामीण उग्र हो गए थे, लेकिन जनप्रतिनिधि, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारासमझाइश की गई, तो गतिरोध खत्म हो गया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया और शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई कर शव परिजनों को सौंप दिया गया।

लक्ष्मणराम विश्ननोई, थाना प्रभारी केलवा

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