जनजातीय गौरव दिवस पर "राष्ट्रीय आदिवासी गौरव सम्मान -2023" से सम्मानित हुए कलाकार, साहित्यकार सरगी की छांव में दीपावली मिलन समारोह।_
कोंडागांव/छत्तीसगढ -उल गुलान क्रांति के नायक जल जंगल जमीन के रखवाले भगवान बिरसा मुंडा की पूजा अर्चना के साथ शुभारंभ हुआ सरगी छांव में दीपावली मिलन कार्यक्रम।
बस्तर माटी की सौंधी खुशबू भरे अनार दानों गीतों से गुंजा वन।_
_•किसी ने गाया गीत तो किसी ने सुनाई कविता,बस्तरिया गीतों पर थिरके साहित्यकार कलाकार।
नींदा नींदुक लाय बेलोशा जावां बे,
नींदा नींदुक लाय बेलोशा जावां बे,
कोन बेड़ा रे बेलोशा जावां बे,
कोन बेड़ा रे बेलोशा जावां बे,
इन पंक्तियों से दीवाली मिलन कार्यक्रम में समां बांधने वाले
मशहूर लोक गीतकार,रंगकर्मी और फिल्म अभिनेता बस्तर माटी फेम खीरेन्द्र यादव ने अपने गीत पाठ में गाया। बस्तर लोक संस्कृति को फिल्मों एल्बमों में जीवंत अभिनय करने वाले इन वरिष्ठ कलाकार ने अपने अलग अंदाज से कार्यक्रम का शानदार आगाज किया।
अवसर था सरगीफूल बस्तर, साहित्य,जल,जंगल,जमीन,सिरजन,संस्कृति चो सांगम द्वारा आयोजित साहित्यकारों,कलाकारों का दीपावली मिलन का। क्षेत्र के नामचीन साहित्यकारों,कलाकारों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम गरिमामय बना दिया और कार्यक्रम साहित्य के चरमोत्कर्ष को प्राप्त हुआ। एक से बढ़कर एक मनभावन रचनाओं,गीतों ने कार्यक्रम को रंगीन बना दिया। गीत,कविता का दौर और सरगी छांव खुला आसमान के नीचे माहौल खुशनुमा रंग बिरंगे धूप-छांव हो गया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुये शामपुर माकड़ी से आए गीतकार रामदेव कौशिक ने मां दंतेश्वरी की वंदना की-
आया मोचो दंतेश्वरी
बुबा भैरम आय।
भाई दंडकार बहिन इंद्रावती,
सुंदर मोचो तुमके शरन शरन आय।
तुमके शरन शरन आय।
मंय आंय बस्तर जिला चो,
आदिवासी पीला।
दीपावली मिलन कार्यक्रम में सरगीफूल के संयोजक डॉ.विश्वनाथ देवांगन उर्फ मुस्कुराता बस्तर ने सरगीफूल ग्रुप के उद्देश्य,कार्य और दीपावली मिलन पर कार्यक्रम को सरगी छांव खुला आसमान के नीचे आयोजित करने के विषय में सारगर्भित उद्धबोधन दिया। अपनी चर्चित कविता सरगीफूल कि चंद पंक्तियों से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए और तालियां बटोरी कि-
सरगीफूल कितरो सुंदर,
फूल सुंदरी,सुपास लागे गंद।
दिनेक बस्तर इया रे दीदी,
इता रूक ले झड़े से धन।
मांई चो बस्तर माटी तिहार,
रसुम सुंदर देखे से सरगी पान।
सुमरनी,तरपनी ले पायसे माटी,
धन-धन रे सरगी,खूबे तुचो मान।
बम्हनी कारसिंग से आये युवा मंच संचालक और लोक गीतकार संतोष सोरी ने अपनी गीतों का सस्वर पाठ कर मन मोह लिया।
संदेशे आते हैं,
चिट्टी आती हैं,
कि घर कब आओगे
कि घर कब आओगे।...
ओंडरी माकड़ी से आये युवा हस्ताक्षर सनत सोरी कोयतुर ने बेटियों और शिक्षा की व्यथा पर धीर गंभीर रचना का पाठ कर वातावरण द्रवित कर दिया।
कल क्यों करना है,
जो करना है आज कर लें,
सोंच कर समय न करें बेकार,
चलो आज नई शुरुआत कर लें।
नवोदित और गीत कविता में समान रूप से पकड़़ रखने वाली युवा कवियित्री सुश्री हर्षिका महावीर ने वर्तमान परिदृश्य पर कविता प्रस्तुत किया और कहा-
मैं सरगीफूल आंव,
मैं बस्तर के सरगीफूल आंव,
मोर माटी हे सरग,
माटी मोर दाई के अंचरा छांव।
शामपुर माकड़ी से आयी नवोदित कलमकार कु. निहारिका कौशिक ने अपनी कविता में बस्तर की व्यथा को बताया और कहा-
मैं बस्तर हूं,
विशालकाय बस्तर।
पर्वत नदियों का संगम,
मैं बस्तर हूं।
मुझे जानो मुझे पहिचानो,
मैं बदनाम हूं,
हिंसा से,
गोलियों की आवाज से।
आज दीवाली मिलन कार्यक्रम काव्य गोष्ठी सरगीफूल मंच के माध्यम से जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय जलवायु सेना,उत्तरप्रदेश द्वारा सम्मानित - छत्तीसगढ़ के मशहूर और वरिष्ठ लोक कलाकार,गीत,फिल्मकार *श्री खीरेन्द्र यादव जी* को उनके क्षेत्र में दीर्घ कालीन उल्लेखनीय योगदान के लिये। शिक्षा जगत में चर्चित और कुशल नेतृत्व कर्ता नवाचारी शिक्षक *श्री रामदेव कौशिक जी* को उनके शिक्षकीय पेशे में नवाचार के साथ ही समाज सेवा एवं लोक कला संस्कृति संवर्धन में उल्लेखनीय योगदान के लिये। छत्तीसगढ़ लोक कला संस्कृति को कला जत्था और विभिन्न माध्यमों से जन-जन तक पहुंचाने वाले युवा लोक गायक *श्री संतोष सोरी जी* को उनके क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये। माकड़ी विकासखंड में छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने वाले युवा नवाचारी शिक्षक और साहित्यकार *श्री सनत कुमार सोरी'कोयतुर'* को उनके क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये। ग्राम काटागांव माकड़ी निवासी कालेज में अध्ययनरत छात्रा और युवा कलमकार *सुश्री हर्षिका महावीर* को विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित और रचनाओं के माध्यम से उनके क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये। शामपुर निवासी कक्षा 12 वी की छात्रा नवोदित कलमकार *कु.निहारिका कौशिक जी* को उनको लेखन के क्षेत्र में प्रयत्नशील रहने से उनके उल्लेखनीय योगदान के लिये। सभी विशिष्ट विभूतियों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए *"राष्ट्रीय आदिवासी गौरव-2023"* से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शानदार संचालन गीतकार गायक रामदेव कौशिक ने किया। अंत में कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों,कलमकारों,कलाकारों का आभार प्रदर्शन कार्यक्रम संयोजक डॉ.विश्वनाथ देवांगन ने किया।
कार्यक्रम में शामिल साहित्यप्रेमियों श्रोताओं में मनीष देवांगन,मिंटू यादव आदि ने भी अपनी उपस्थिति प्रदान की।