80 दहेज मुक्त विवाह, 490 Unit रक्त दान, 3852 देहदान - सतलोक आश्रम बैतूल, जिला बैतूल
*511वां दिव्य धर्म यज्ञ: संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में विशाल रक्तदान, देहदान व सामूहिक विवाह का हुआ आयोजन*
*दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर विशाल भंडारा, कबीर परमेश्वर का आश्रम में लगा जयकारा*
*सतलोक आश्रम बैतूल में हुए 80 दहेज मुक्त विवाह, 490 यूनिट रक्तदान और 3852 लोगों द्वारा भरे गए देहदान के फॉर्म*
बैतूल (मध्य प्रदेश)। नेशनल हाईवे 46 पर स्थित सतलोक आश्रम में तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आज दूसरा दिन था। इस ऐतिहासिक आयोजन में सामाजिक और आध्यात्मिक सुधार की मिसाल पेश की जा रही है।
मध्यप्रदेश के विशाल सतलोक आश्रम बैतूल में यह समागम धूमधाम से मनाया जा रहा है। समागम का हिस्सा बनने के लिए महीना भर पहले से सोशल मीडिया और घर-घर जाकर भंडारे का निमंत्रण दिया गया था।
आज से 511 वर्ष पूर्व काशी शहर में कबीर परमात्मा जी द्वारा किए गए अद्भुत भंडारे "दिव्य धर्म यज्ञ दिवस" के उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज जी के पावन सानिध्य में हो रहे महा विशाल भंडारे में लगातार आ रहे लाखों श्रद्धालुओं को शुद्ध देशी घी से निर्मित लड्डू,जलेबी,बर्फी, हलवा प्रसाद, पूड़ी, सब्जी, फुल्का (रोटी), दलिया और विभिन्न मिठाइयां श्रद्धालुओं को परोसी गईं। इसके अलावा बिना किसी जाति भेद के सभी श्रद्धालुओं ने एक पंक्ति में बैठकर भंडारा ग्रहण किया जो कि समभाव को दर्शा रहा था ।
आश्रम में कबीर साहेब जी की लीलाओं पर आधारित मनमोहक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसे देखकर श्रद्धालुओं को अनसुने रहस्यों को जानने का मौका मिला। प्रदर्शनी के माध्यम से काशी शहर में 18 लाख लोगों को भंडारा कराया गया उसे भी प्रदर्शनी में बताया गया। 14 से 16 नवंबर तक लगातार अमर ग्रंथ साहिब का पाठ चलेगा। 15 नवंबर को मात्र आश्रम में मात्र 17 मिनट में 80 जोड़ों का सामूहिक विवाह बिना किसी दान दहेज के सादगी पूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।
सतलोक आश्रम बैतूल के केयरटेकर विष्णु दास ने बताया कि आश्रम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और वाहन पार्किंग की पूरी व्यवस्था की गई और किसी को कोई असुविधा न हो इसके लिए लगभग 10 हजार सेवादारों ने सभी सेवाएं जिम्मेदारी से निभाई,पार्किंग से लेकर जूता घर,भंडारे व रहने बैठने की उत्तम व्यवस्था सतगुरू देव जी के आदेशानुसार की गई थी। उन्होंने बताया कि यह शास्त्रानुसार धार्मिक अनुष्ठान हो रहा है, जिसमें पूर्ण परमात्मा सदा ही प्रतिष्ठित होते है। इसीलिए यह भंडारा पापनाशक भंडारा है जिसे ग्रहण करने मात्र से ही हमारे पापकर्मों का नाश होकर हमे सद्बुद्धि आती है साथ ही जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को भोजन भंडारे व लड्डू,जलेबी,बर्फी प्रसाद भी पैकिंग करके दिया गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन हुए रक्तदान शिविर में भक्तों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया और शाम तक 490 यूनिट रक्त दान जिला अस्पताल से आई टीम को असहाय लोगो की मदद के लिए किया गया। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए 3852 लोगों द्वारा देहदान के फॉर्म भरे गए जिसमें समाज के किसी एक धर्म को न देखते हुए मानव सेवा का संदेश दिया। कल समागम का समापन होगा जिसमें सभी धर्म प्रेमी जनता आकर अपने पुण्य लाभ कमाए।