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मऊगंज थाना प्रभारी को गाली दी कानून की धज्जियां उड़ाई मुख बधिर बन के देखते रहे कानून के रखवाले मऊगंज भाजपा जिला उपाध्यक्ष की करतूत

राजेश सोनी रीवा.......
कानून व कानून के रखवाले अब सुरक्षित नहीं है जिस कानून का लोगों में खौफ और डर होना चाहिए सम्मान होना चाहिए वह कानून अपने ही बचाव में बेबस और लाचार दिखाई देता है सत्ता के मद में चूर उनके पदाधिकारी कब किसकी और कहां कानून की धज्जियां उड़ा दे यह कोई नहीं जानता है प्रशासन इन लोगों पर कार्रवाई करने से डरता है ऐसा ही मामला जिला मऊगंज के थाना प्रभारी राजेश पटेल के ऊपर भाजपा उपाध्यक्ष विपिन मिश्रा ने अपने अधिवक्ता समर्थकों के साथ पुलिस थाना के अंदर घुसकर थाना प्रभारी राजेश पटेल से गाली गलौज की अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए देखे गए हैं थाने में लाग सीसीटीवी कैमरा में रिकॉर्ड हुई यह वीडियो इस इस बात का सबूत है कि कानून के रखवाले सुरक्षित नहीं है और थाना प्रभारी राजेश पटेल बेबस और लाचार दिखाई दिए जिस तरह किसी असहाय जानवर के सामने कोई घतक व खूंखार जानवर आ जाए वैसे ही इस घटना में नजर आते बीजेपी के उपाध्यक्ष विपिन मिश्रा किसी खूंखार आदमखोर जानवर की तरह थाना प्रभारी राजेश पटेल के ऊपर हमला बोल दिया और थाना प्रभारी बेबश और लाचार दिखाई दिए क्या कानून और कानून के रक्षक इतने बेबश और लाचार हैं या फिर राजनीतिक दबाव के कारण इन लोगों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि यह कानून के ऊपर है जिन पर कानून का कोई भी शिकंजा नहीं कसा जा सकता और ना करवाई की जा सकती।? अगर इसी की जगह किसी फरियादी की कोई फ़रियाद होती तो शायद यही पुलिस थाने में बैठे थाना प्रभारी राजेश पटेल बगल में दिखाई दे रहे मुंशी शायद उनसे ऐसी ही बात करते हैं और लाचार विचारे फरियादी इनकी बातों को सुनता रहता यहां पर इस बात का जिक्र करना इसलिए जरूरी था कि जो कानून गरीबों और असहाय लोगों के लिए बना हुआ है और उनकी कार्यवाहक यह पुलिस के अधिकारी हैं उन्हें इस बात की सोच होना चाहिए कि हम जिस कानून के तहत यहां बैठे हुए हैं उस पर आम जनता का विश्वास तनिक भी डगमगाना नहीं चाहिए लेकिन इस घटना के बाद आम जनता शायद पुलिसकर्मी के लोगों पर भरोसा नहीं करेंगी...? अगर ऐसे ही न्याय व कानून को कानून के रखवालो को धमकाया व डराया जाएगा तो शायद लोग पुलिस के पास ना जाकर सड़कों पर ही न्याय करेंगे क्या राजनीतिक दबाव में आकर थाना प्रभारी राजेश पटेल को लाइन अटैच किया गया क्या कानून के राजनीतिक दबाव बनाया गया क्या कानून के ऊपर किसी राजनीतिक पार्टियों का दबाव होना चाहिए क्या किसी व्यक्ति को यह अधिकार दिया जाना चाहिए कि वह कानून के साथ खिलवाड़ व कर सके क्या कानून अब सिर्फ गरीबों और असहाय को दबाने और कुचलने के लिए रह गया है इस घटना के बाद प्रशासन को पूरी घटना की सच्चाई को जानकर खुलेआम थाने में घुसकर गाली गलौज करने वाले व्यक्ति भाजपा उपाध्यक्ष विपिन मिश्रा के ऊपर कार्रवाई करना चाहिए व समाज के अंदर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक संदेश देना चाहिए कि कानून सबके लिए समान है व इसे कोई भी व्यक्ति या किसी प्रकार के राजनीतिक दबाव में आकर कानून से कोई भी खिलवाड़ नहीं कर सकता और जो व्यक्ति ऐसा कृत व घटना करेगा उस पर कानून सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी क्या.....?

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