जोबनेर विश्वविद्यालय के दो छात्र सोनू व फिरदौस फिनलैंड से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से लेंगे प्रशिक्षण
श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर और टैम्पेरे यूनिवर्सिटी फिनलैंड के बीच आगे समन्वय और सहयोग के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बलराज सिंह और टैम्पेरे यूनिवर्सिटी फिनलैंड के प्रोफेसर ऑफ इनफॉरमेशन सिस्टम और बिजनेस तथा इंडो नॉरडिक कंट्रीज कोऑर्डिनेशन के चेयरमैन प्रोफेसर डॉ मिक्को रूहोनन के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा आगे समन्वय और सहयोग के लिए वार्ता हुई। विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति डॉ बलराज सिंह ने डॉ मिक्को रूहोनन का स्वागत किया और साथ डॉ बलराज सिंह ने श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के जूरिडिक्शन एरिया में होने वाली कृषि गतिविधियों और विकास के बारे में अवगत कराया तथा जिन क्षेत्रों में टैम्पेरे यूनिवर्सिटी फिनलैंड के साथ सहयोग की आवश्यकता है उन क्षेत्रों के बारे में बताया तथा टैम्पेरे यूनिवर्सिटी के साथ सहयोग की उत्सुकता जताई है। दोनों विश्वविद्यालय के मध्य पारस्परिक सहयोग और शिक्षा के क्षेत्र में समन्वय के लिए दोनों कुलपतियों ने आगे सहयोग कर एक दोनों विश्वविद्यालय के मध्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, स्मार्ट एग्रीकल्चर फॉरेस्ट्री में प्रबंधन, एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट, कृषि स्टार्टअप को फंड दिलवाने और उनके मैनेजमेंट मार्केटिंग में सहयोग और कृषि उत्पादो की मार्केटिंग और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विभिन्न नई मशीनरी के उत्पादन और उनके बारे में ज्ञान का आदान-प्रदान करने के लिए एक दूसरे से सहयोग का आश्वासन दिया। डॉ मिक्को रूहोनन ने इन सब क्षेत्रों के विकास के लिए फिनलैंड में संभावनाओं और सहयोग की संभावनाओं को बताया और एक दूसरे को सहयोग देने का आश्वासन दिया । तथा दोनों विश्वविद्यालय के बीच में जिन क्षेत्रों में सहयोग हो सकता है उन क्षेत्रों के बारे सहयोग की संभावनाओं के बारे में बताया और दोनों विश्वविद्यालय के बीच में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, स्मार्ट एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री में प्रबंधन, एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट, कृषि स्टार्टअप को फंड दिलवाने और उनके मैनेजमेंट मार्केटिंग में सहयोग और कृषि उत्पादो की मार्केटिंग और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विभिन्न नई मशीनरी के उत्पादन और उनके बारे में ज्ञान का सहयोग का अनुरोध किया तथा फिनलैंड में कृषि के इन क्षेत्रों की क्या अपार संभावनाएं हैं उन सब के बारे में बताया। इस अवसर पर प्रसार शिक्षा विभाग के प्रोफेसर एंड हेड डॉ आई एम खान, असिस्टेंट प्रोफेसर कंप्यूटर साइंस डॉ एस के शर्मा तथा डॉ पारुल ने विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यों में कंप्यूटर तथा कृत्रिम बुद्धिमता का प्रयोग कैसे करें के बारे में पूछा। इंचार्ज डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स डॉ शीला खर्कवाल कृषि में मार्केटिंग की संभावनाओं तथा डॉ नवीन असिस्टेंट प्रोफेसर एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग ने कृषि में नवीन मशीनरी के इस्तेमाल के संभावनाओ बारे में प्रश्न किया जिसके डॉ मिक्को रुहोनन ने फिनलैंड की टैम्पेरे यूनिवर्सिटी में संभावनाओं के बारे में ने जवाब दिए तथा उन क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं के बारे में बताया। गौरतलब है कि पिछले वर्ष नाहेप परियोजना के तहत श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के दो वैज्ञानिक डॉ आई एम खान, हेड डिपार्टमेंट ऑफ़ एक्सटेंशन और डॉ ए सी शिवरान हेड डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रोनॉमी टैम्पेरे यूनिवर्सिटी फिनलैंड 15 दिन के लिए ट्रेनिंग लेने गए थे जिसमें उन्होंने वहां पर स्मार्ट एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री मैनेजमेंट स्मार्ट मशीनरीज, एग्रीकल्चर डेवलपमेंट, एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्टार्टअप मैनेजमेंट और फाइनेंस आदि से संबंधित ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में भ्रमण किया जाकर उनकी कार्य प्रणाली से संबंधित जानकारी ली थी।
गौरतलब है कि जोबनेर विश्वविद्यालय के दो छात्र जिसमे सोनू डांगी व फिरदौस जाहन का चयन एक माह के लिए टैम्पेरे यूनिवर्सिटी फिनलैंड हुआ है यह दोनों छात्र श्री कर्ण नरेंद्र कृषि महाविद्यालय के प्रसार शिक्षा विभाग के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में अध्यनरत है दोनों छात्र ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से खाद्य उद्यमिता, स्थिरता और नवाचार प्रथाएँ से एंटरप्रेन्योर संबंधित विषय पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं छात्र सोनू डांगी ने बताया कि पूरे भारत के 6 विश्वविद्यालय के 12 विद्यार्थी इस प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं। साथ ही छात्र सोनू डांगी ने बताया कि इस प्रशिक्षण से भविष्य में उद्यमिता के माध्यम से रोजगार बढ़ावा मिलेगा।