पिता की इससे उत्तम परिभाषा हो ही नहीं सकती है
माँ का त्याग दुनियां द्वारा गाया जाता है लेकिन औलाद क़ो पालने मे पिता का त्याग और अपनी खुशियों क़ो परिवार और बच्चों के लिए छोड़ना अक्सर उपेक्षित किया जाता है जबकि पिता के त्याग और समर्पण की नीव पर ही परिवार की खुशहाली होती है पिता ही परिवार की खुशहाली की बिल्डिंग का नीव का पत्थर है