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शिक्षक संवर्ग की 20 साल की सेवा अवधि गायब जिम्मेदार कौन...

रिपोर्ट -रियाज फारुक खोकर

बुरहानपुर।मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग में संविलियन होकर अध्यापकों के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है पोर्टल पर गणना से या अंदाज लगाया जा सकता है कि 1998 में यह लोग नियुक्त हुए थे लेकिन उनकी 20 साल की सेवा अवधि ही गायब कर डाली है उपरोक्त जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम के प्रांतीय संयोजक ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने बताया कि सेवा में 1998 में आए लेकिन पोर्टल पर 2018 अंकित कर दिया गया है अब इस मामले में सभी प्रदेश के शिक्षका नाराज हो रहे हैं बैठक और pradarshanका दौर जारी है मध्य प्रदेश में शिक्षक जिंदा रहे तो नियुक्त दिनांक 1998 और मृत्यु हो जाए तो 2018 हो जाने के समस्या से पीड़ित प्रदेश के 3:25 लाख शिक्षकों की 20 वर्ष की सेवा शून्य होने पर बहुत ही असमंजस की स्थिति है नेशनल मूवमेंट ऑफ़ वर्ल्ड पेंशन स्कीम के प्रदेश अध्यक्ष श्री परमानंद डेहरिया जी के नेतृत्व में 27 अक्टूबर को इस संबंध में भोपाल में वरिष्ठता की लड़ाई के लिए बैठक हुई थी जिसमें उपरोक्त मुद्दा प्रमुखता से मीटिंग में रखा गया था श्री डेहरिया जी का कहना है कि मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 1998 से कार्यरत शिक्षाकर्मी गुरुजी संविदा शिक्षकों को 1 जुलाई 2018 को माननीय मुख्यमंत्री जी एवं मध्य प्रदेश सरकार ने अध्यापक से नवीन शैक्षणिक स्वर्ग में संविलित करते हुए वरिष्ठता दी है लेकिन विभाग के शिक्षा अधिकारियों ने शासन के निर्णय को बदलते हुए आईएफएमआईएस पोर्टल पर नियुक्ति दिनांक एक साथ 2018 दर्ज कर दी है जिसके कारण शिक्षकों की 20 वर्ष की सेवा अवधि शून्य हो गई है इसका खामियाजा सेवा निवृत्ति या दिवंगत होने पर शिक्षक को सेवा उपादान राशि , ग्रेजुएटी भुगतान में 8 से 10 लख रुपए की आर्थिक हानि हो रही है संयुक्त मोर्चा के संयोजक जिला अध्यक्ष ठाकुर संजय सिंह गहलोत, संयोजक अनिल बाविस्कर, विजय राठौड़, डॉक्टर अशफाक खान श्रीमती प्रमिला सगरे, श्रीमती कल्पना पवार ,राजेश पाटील, सतीश दामोदर ,धर्मेंद्र चौक से सभी का कहना है कि एक तरफ तो शिक्षा विभाग शिक्षकों की ऑफलाइन सर्विस बुक सहित समस्त दस्तावेज और आदेश में प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा अवधि गणना करते हुए 24 वर्ष की क्रमन्नति व उच्च पद प्रभार में वरिष्ठ दे रहा है लेकिन दूसरी तरफ सेवानिवृत्ति या दिवंगत होनेके पक्ष के पश्चात नियुक्ति दिनांक जुलाई 2018 होने के कारण ग्रेजुएट और पेंशन से वंचित हो रहे हैं इस अन्य व शोषण की वजह से मध्य प्रदेश के 3:25 लाख शिक्षक मानसिक तनाव झेल रहे हैं इस समस्या के संबंध में शिक्षा विभाग एवं Madhya Pradesh शासन को पिछले 6 वर्षों से हजारों आवेदन देने के पश्चात भी समाधान नहीं किया जा रहा है इस हेतु लगातार आंदोलन किया जा रहे हैं शासन से निवेदन है समस्या को हल किया जाए*

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