भाषा गौरव सप्ताह मनाया गया......
झालावाड़ 14 नवंबर, राजकीय हरिश्चंद्र सार्वजनिक जिला पुस्तकालय झालावाड़ और अखिल भारतीय साहित्य सुधा मंच झालावाड़ के संयुक्त तत्वावधान में भाषा गौरव सप्ताह के तहत जिला पुस्तकालय में एक विचार संगोष्ठी और काव्य पाठ का आयोजन किया गया । सर्वप्रथम संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे श्री राकेश जी नैयर मुख्य अतिथि श्री चेतन्य जी चेतन विशिष्ट अतिथि श्री परमानंद भारती ,वरिष्ठ नागरिक समिति के महासचिव श्री कमल नयन अरोड़ा पुस्तकालय अध्यक्ष श्री कैलाश चंद्र राव तथा पुस्तकालय परामर्शदात्री श्रीमती किरण सच्चर कनिष्ठ सहायिका अंजलि मीणा के द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित एवं माल्यार्पण द्वारा पूजन अर्चन किया गया। सरस्वती की वन्दना श्री चेतन्य जी चेतन द्वारा प्रस्तुत की गई।
पुस्तकालय अध्यक्ष श्री कैलाश चन्द्र राव ने आज के विषय पर प्रस्तावना रखते हुए भाषा गौरव सप्ताह पर विस्तृत प्रकाश डाला। इस विषय पर मुख्यवक्ता श्री कृष्ण सिंह हाड़ा ने कहा कि भाषा मनुष्य के विचारों के सम्प्रेषण का एक माध्यम है जो विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में अनेक प्रकार से व्यक्त होता रहा है, जिसे आज तकनीक ने और अधिक सुलभ और सुगम बना दिया है ।
श्री कैलाश जी व्यास ने भी भाषा को लेकर जो विवाद सामने आते हैं, उन पर अपनी बेबाक टिप्पणी को रखा ।
श्रीमती रानी रावल ने अपने गीत के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त किया। श्री धनीराम समर्थ ने पेट भरता नहीं हवाओं से ,,,,ग़ज़ल को प्रस्तुत किया। सुश्री अनीता रेगर भाषा के संदर्भ में अपने नवीन विचार रखें।
श्री चेतन्य जी शर्मा "चेतन" ने चन्द्रभागा नदी पर लिखा अपना नवीन समसामयिक गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं की तालियां बटोरी। श्री परमानंद भारती ने "म्हारी भी सुनता जा जो जैपुर दल्ली जाबा हाला.... , सुनाकर लोगों की वाहवाही लूटी ।
श्री कमलनयन अरोड़ा ने अपना संदेश एक कविता के माध्यम से श्रोताओं तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की ।
श्रीमती किरण सच्चर ने भी संगोष्ठी को अपने विचार से लाभान्वित किया।
अंत में संगोष्ठी के अध्यक्ष श्री राकेश जी नैयर ने एक ग़ज़ल "शमा पर जलने वाले दिवाने चेहरे ,,,सुनाकर अपना अध्यक्षीय उद्बोधन दिया।
पुस्तकालय अध्यक्ष श्री कैलाश जी राव ने आभार ज्ञापित किया। संगोष्ठी की व्यवस्था प्रभार श्री विशाल सिंह ने सुचारु रूप से संभाली। संगोष्ठी का सफल संचालन श्री कृष्ण सिंह हाड़ा ने किया ।