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साजा के एसडीएम को घूस लेते ACB की टीम ने गिरफ्तार किया....

साजा में एसीबी ने भ्रष्ट एसडीएम को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि एसडीएम NOC के लिए रिश्वत की मांग कर रहे थे। इसे लेकर दिव्यांग युवक ने ACB में शिकायत की थी, जिसके बाद एसीबी ने गुरूवार को साजा के एसडीएम को घूस लेते गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक दिव्यांग युवक तुकाराम पटेल, ग्राम भठगांव, तहसील देवकर, जिला-बेमेतरा ने एन्टी करप्शन ब्यूरो, रायपुर में शिकायत की थी।
शिकायत में कहा गया था कि नगर पंचायत परपोड़ी स्थित उसकी माता के नाम पर भूमि के डायवर्सन के लिए (Diversion) अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिये एस.साजा में एसीबी ने भ्रष्ट एसडीएम को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि एसडीएम NOC के लिए रिश्वत की मांग कर रहे थे। इसे लेकर दिव्यांग युवक ने ACB में शिकायत की थी, जिसके बाद एसीबी ने गुरूवार को साजा के एसडीएम को घूस लेते गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक दिव्यांग युवक तुकाराम पटेल, ग्राम भठगांव, तहसील देवकर, जिला-बेमेतरा ने एन्टी करप्शन ब्यूरो, रायपुर में शिकायत की थी।
शिकायत में कहा गया था कि नगर पंचायत परपोड़ी स्थित उसकी माता के नाम पर भूमि के डायवर्सन के लिए (Diversion) अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिये एस.डी.एम. कार्यालय साजा, जिला-बेमेतरा में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। लेकिन आरोपी एसडीएम साजा टेकराम माहेश्वरी ने इसके लिए 1 लाख रुपये घूस की डिमांड की।

आवेदक रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। एसीबी ने शिकायत की जांच की तो मामला सही पाया गया। जिसके बाद एसीबी ने जाल बिछाया और फिर एस.डी.एम. को 20,000 रू० रिश्वत देने पर सहमत किया। 10,000 रुपया एडवांस के रूप में दिया गया। जबकि आज बकाया 10 हजार रुपया देते हुए टेकराम माहेश्वरी, एस.डी.एम., साजा एवं उसके सहयोगी नगर सैनिक गौकरण सिंह को रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपियों को अभिरक्षा में लेकर उनके निवास स्थानों की तलाशी भी ली जा रही है। प्रकरण में उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत् अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

डी.एम. कार्यालय साजा, जिला-बेमेतरा में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। लेकिन आरोपी एसडीएम साजा टेकराम माहेश्वरी ने इसके लिए 1 लाख रुपये घूस की डिमांड की।

आवेदक रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। एसीबी ने शिकायत की जांच की तो मामला सही पाया गया। जिसके बाद एसीबी ने जाल बिछाया और फिर एस.डी.एम. को 20,000 रू० रिश्वत देने पर सहमत किया। 10,000 रुपया एडवांस के रूप में दिया गया। जबकि आज बकाया 10 हजार रुपया देते हुए टेकराम माहेश्वरी, एस.डी.एम., साजा एवं उसके सहयोगी नगर सैनिक गौकरण सिंह को रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपियों को अभिरक्षा में लेकर उनके निवास स्थानों की तलाशी भी ली जा रही है। प्रकरण में उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत् अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

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