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बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी* *आम आदमी का घर वर्षों की मेहनत का नतीजा होता है।* *अपराधी के अपराध की सजा पूरे परिवार को नहीं दी जा सकती।*



*बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी*

*आम आदमी का घर वर्षों की मेहनत का नतीजा होता है।*

*अपराधी के अपराध की सजा पूरे परिवार को नहीं दी जा सकती।*

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज बुलडोजर एक्शन पर सुनाए जा रहे फैसले पर न्यायमूर्ति वीआर गवई ने टिप्पणी की कि घर एक सपना है जो कभी न टूटे। *न्यायपालिका का कार्य कार्यपालिका नहीं ले सकती है।* घर एक सपने की तरह होता है। किसी ने अपराध किया है तो आप उसके पिता का घर नहीं तोड़ सकते। *सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि दोषी होना घर तोड़ने का आधार नहीं। अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।* फैसला अभी पढ़ा जा रहा है।

*अपडेट*
सुप्रीम कोर्ट ने आज बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुनाते हुए कहा कि अवैध निर्माण के आधार पर किसी का घर तोड़ने के समय वीडियोग्राफी हो और कार्रवाई के समय वहां पर मौजूद सभी अधिकारियों के नाम नोट कर रखें जाए। कार्रवाई से पहले 15 दिन का नोटिस दिया जाए‌। अगर अवैध निर्माण सिद्ध होता है तो निर्माण ढहाने से पहले उसे खुद हटा लेने का समय दिया जाए‌। *प्रशासन खुद जज बनकर किसी का घर न गिराए।* सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर *अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के विरुद्ध जाकर किसी का घर गिराया तो अधिकारी की जिम्मेदारी होगी और उसे हर्जाना देना होगा।* सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये सरकार की जिम्मेदारी है कि कानून का शासन बना रहे।

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