“अररिया सदर अस्पताल में अव्यवस्था: गर्भवती मरीज़ों को नहीं मिल रहीं बुनियादी सुविधाएं, जिसके कारण मरीज़ों को प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ता है , अस्पताल प्रबंधन और जनप्रतिनिधि क्यों हैं मौन?”
अररिया जिला के प्राईवेट अस्पताल में गर्भवती मरीज़ों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव झेलना पड़ रहा है। हालात इतने खराब हैं कि अस्पताल की तस्वीरें किसी बस स्टैंड जैसी भीड़ और अव्यवस्था को दर्शाती हैं। मरीज़ों को बैठने के लिए जगह नहीं मिल रही है, जबकि फर्श पर बैठने को मजबूर महिलाओं और बच्चों के बीच कचरे और गंदगी का अंबार भी देखने को मिलता है।
सवाल यह है कि अस्पताल प्रबंधन इन हालात को सुधारने के लिए क्या कदम उठा रहा है? मरीज़ों की सुविधा और स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए कोई ठोस योजना क्यों नहीं बनाई जा रही है?
इसके साथ ही, अररिया के जन प्रतिनिधियों पर भी सवाल उठता है। क्या वे इस समस्या से अवगत हैं, और अगर हां, तो इसके समाधान के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? जनता की उम्मीदें उनसे हैं कि वे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करें ताकि मरीज़ों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।