भैसासुर धर्म शक्ति संगठन डुलिया,,
भैसासुर धर्म शक्ति संगठन डुलिया,,
देवी प्रकृति देवी से युद्ध करके जंगलो, पहाड़ो और चट्टानों को उपजाऊ भूमि बनाकर जिन्होंने खेती हैं, सांप बिच्छू किड़े मकोड़े के बीच रहकर जीवन व्यतीत की है,वह लोग भैसासुर वंशज हैं और भैसासुर धर्म का पालन करते हैं, जिन्होंने सांप बिच्छू शैर चिंता भुत प्रेत आत्माओं से युद्ध किया है वह भैसासुर महाराज के वंशज हैं,और आज भी जंगलो में पहाड़ों में मां प्रकृति से युद्ध कर रहे हैं,
जय मां बाघदियाल माता,जय मां बाघदियाल माता