दशकों पुरानी मशहूर गिहार बस्ती में नहीं रुक रहा कच्ची शराब का धंधा।
बरेली/फतेगंजपूर्वी में कच्ची शराब को मशहूर गिहार बस्ती में कल सुबह 7 बजे दो मजदूरों को कच्ची शराब पीते हुए गिहार बस्ती से थाना पुलिस फतेहगंजपूर्वी ने पकड़ा और थाने लाकर बंद कर दिया। स्थानीय पुलिस अक्सर ऐसा करती है और एक दो पुलिस कर्मी स्थानीय दलालों की शह में कच्ची शराब पीने वालों को पकड़वा कर उनसे फिर ले देकर छोड़ने का काम भी करते हैं। आपको बता दें कि ज़ब पकड़े गए लोगों के बारे में ज़ब कस्बा इंचार्ज धर्मेंद्र शर्मा से फोन पर बात की गई तो उनका जबाब था कि इनको पकड़ कर बंद करेंगे तभी तो कच्ची शराब बंद होगी। मगर मौके पर पीने वालों के साथ कच्ची शराब बनाने वालों को नहीं पकड़ पाते क्योंकि गिहार बस्ती में कच्ची शराब का धंधा महिलाएं करती हैं। जोकि पुलिस की नजर, विवेक में महिलाओं द्वारा धड़ल्ले किये जा रहे कच्ची शराब के धंधे में वो अपराधी नहीं हैं। जोकि महिलाओं के पीछे गिहार बस्ती के दलाल माफिया खड़े हैं। जबकि हाल ही में एक समाजसेवी अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा द्वारा सामाजिक जागरूकता अभियान चलाकर गिहार बस्ती की 80%शराब ससंकल्प शपथई रुप में बंद कराई गई थी। ज़ब गिहार बस्ती के युवाओं को रोजगाऱ को लोन पर टेम्पू दिलाकर व महिलाओं को स्थानीय औद्योगिक क्षेत्र में कामगार बनाने में मदद की गई थी। मगर कुछ स्थानीय दलाल माफियों की बजह से बांकी 20% कच्ची शराब का बनना बनाना बेंचना बंद नहीं हो पा रही है। न ही कभी कोई क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि इनकी कोई मदद करने में दिलचस्पी दिखाता है, और न ही कोई विकास कार्य गिहार बस्ती के सौंदर्यकरण को शौचालय आवास, सड़कें देने दिलाने में सक्षम हैं।सिवाय गिहार बस्ती का वोट लेने के सिवा। अक्सर आबकारी विभाग भी छपामारी कर कच्ची शराब का लाहन बर्बाद करता रहता है। मगर शराब बंद नहीं होती और न कच्ची शराब पीकर चौराहे पर गिरकर मरने वालों की संख्या कम हो रही है। पूरा क्षेत्र नगर देहात गिहार बस्ती की कच्ची शराब से बर्बाद है। दशकों से गिहार बस्ती में कच्ची शराब का धंधा रोकने में स्थानीय पुलिस नाकाम है।