भजन गायक गुलशन कुमार को दौड़ा-दौड़कर मारने के बाद उसकी मौत को मजा ले-लेकर इंजॉय करने वाले अब आपके ऊपर अंतिम रही मौत की शूटिंग के दौरान डराए और बौखलाए हुए हैं।
पहले मजे के लिए, उसकी वापसी में अब पूरे देश और दुनिया में मजा ले रही है।
कर्म का तो सिद्धांत ही यही है कि "छल का फल छल, आज नहीं तो कल" भागना तो वही है। ईसाई खान के यह कहते हुए कि उनके बॉडी बिल्डर बेटों ने आज तक एक भी चींटी तक नहीं मारी वो कंपनी को तो क्या ही मारेगा? ओह रियली!
अबे सलाम खान ने उसे बना दिया जो तेरी तरह के नाम और ना समझ हो, हमें नहीं। हमें तो तेरी भी दी कंपनी की सरपरस्ती में मिले हिंदू विरोधी कारगुजारियों का भी बहुत अच्छा भान है। हमें मत पढ़ो और अब ये रंडी रोना बंद कर दो। अबे बुद्धिहिं बुला ले ना अपना आका पाठ्यपुस्तक इब्राहिम को कि वो तेरे बूढ़े जवान बेटे को बचा ले। काहे नहीं बुलाया बे अभी तक तूने उस सड़क और दो कौड़ियों के भगोड़े को? इसके विपरीत ना कि लॉरेंस बिश्नोई की फिल्म उनकी जगह भी शूटआउट कर देंगे।
ऐसे शरीर को बनाने का क्या फ़ायदा है जिसमें दिल ही ख़राब हो जाता है? ऐसा होता है टाइगर, जो रहता है सिक्योरिटी पूल में? फिल्मों में एक साथ कई-कई बदमाशों को चूमने में डुबाने वाले नशेड़ी-गंजेड़ी भड़वे-भांड हीरो रियल जब लाइफ में अपनी जान की भीख मांगते फिरें तो समझ जाएं कि इनके अंदर कितना दम होगा?