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सांसद की आमर्यादित भाषा किसकी भूल, भाषण में करते हैं भरें मंच से आमर्यादित बातें।

राजेश सोनी रीवा शहर......
रीवा शहर के तीन पंचवर्षीय सांसद रहे जनार्दन मिश्रा कब किसके सामने कौन सी बात करें उन्हें खुद ही मालूम नहीं उन्हें किस बात को किसके सामने कहना है यह उन्हें सोने व समझने की आवश्यकता नहीं 68 वर्ष की उम्र में सांसद महोदय किस भाषा का प्रयोग करते हैं किस जगह करते हैं उन्हें इसकी तनिक भी चिंता नहीं 9 तारीख को जहां रीवा शहर में बीहर रिवर फ्रंट और यूनिवर्सिटी का उद्घाटन करने मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल पधारे हुए थे तब भरे मंच से सांसद जनार्दन मिश्रा का भाषण सुनने लायक था उन्हें प्रदेश में बढ़ रहे बेरोजगारी नशीली सिरप के खिलाफ रेप हुआ शहर में अवैध हथियारों का जो बाजार चल रहा है उन पर चिंता ना कर उन्हें भविष्य के टेक्नोलॉजी पर लेकर एक बयान दिया जिस पर उन्होंने पति-पत्नी के प्यार और उनके द्वारा प्यार में बच्चा पैदा करने की सो ज्यादा दिखे उन्हें बेरोजगारी युवा वर्ग जो आज नशे की चपेट में है और शहर में धार्मिक स्थान में हो रहे रेप अत्याचार को लेकर सो करना चाहिए वह उनके अंदर नहीं है तीन बार रहे सांसद जानदार मिश्रा ने कभी भी कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे जिले का किसी वर्ग का भला हो सके अगर भला हुआ है तो उनके करीबी उनके लोगों का शहर में एक भी ऐसा काम जो संसद के कर कमल द्वारा या उनके मध्य के द्वारा किया गया हो अगर विकास हुआ है तो सिर्फ शौचालय का कभी शौचालय साफ करते हुए तो कभी मास्क जीते हुए इसके अलावा संसद के एक पैसे कम जो जनता हित में हो उन्होंने नहीं किया उन्हें कभी किसी चीज की चिंता नहीं की उन्हें सिर्फ पति-पत्नी का प्यार टेक्नोलॉजी के द्वारा पैदा किया जाने वाला बच्चा यह सब दिखाई देता है राजपाल के सामने ऐसे भाषण देने से माननीय राज्यपाल का भी सर शर्मसे झुक गया भारी मंच से उन्होंने जब यह भाषण दिया तो वहां पर युवा बच्चे व मंच में बैठी कई महिलाओं ने अपने सर को झुका लिया मनी कभी किसी बेरोजगार को रोजगार किसी व्यक्ति को न्याय व शहर को नशा मुक्त हुआ अवैध हथियारों से मुक्त करने के लिए कभी कोई पहल नहीं की ऐसे संसद से भला जनता क्या अपेक्षा कर सकती हैं।

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