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बस्ती उत्तर प्रदेश श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर हवन पूजन के बाद किया गया भंडारे का आयोजन

श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर हवन पूजन के बाद किया गया भंडारे का आयोजन

कलवारी - विकास खंड बहादुरपुर के ग्राम पंचायत कलवारी में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा रविवार को संपन्न हो गई। कथा के समापन के दिन हवन, पूजन के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमे क्षेत्र के विभिन्न गावों से भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भंडारे में पहुंचकर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया।

विकास खंड बहादुरपुर के ग्राम पंचायत कलवारी में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन करवाया गया था। कथा व्यास सुरेंद्र शास्त्री ने 7 दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद भागवत कथा की महिमा का गुणगान किया उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा। सुरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद्भागवत सुनने मात्र से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। कथावाचक सुरेंद्र शास्त्री ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। कथा समापन के दिन रविवार को विधिविधान से पूजा करवाई। दोपहर तक हवन और शाम को भंडारा कराया गया। इसमें मुख्य यजमान तेजपाल सिंह, ने अपने परिवार के रामपाल सिंह, विजय प्रताप सिंह, अजीत प्रताप सिंह, संजय श्रीवस्तव, राजवंत, बद्री प्रसाद सिंह, सुरेश सिंह, अमर बहादुर सिंह, राकेश पाण्डेय के साथ आहुति डाली। क्षेत्र से आए श्रद्धालुओं ने भंडारे में पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया,

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