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जिले में बुखार के मरीजों की बढ़ती संख्या, चिकनगुनिया का खतरा भी बढ़ा

बदायूं। जिले में डेंगू और मलेरिया के साथ-साथ अब चिकनगुनिया के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है। जिला अस्पताल में हर दिन 300 से 400 मरीज वायरल बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। इन मरीजों में बुखार के साथ-साथ हाथ-पैर, कमर, गर्दन, पीठ और मांसपेशियों में तेज दर्द हो रहा है, जो आमतौर पर चिकनगुनिया के लक्षण हैं। स्वास्थ्य विभाग न तो इनकी सही जांच करा पा रहा है और न ही उचित इलाज प्रदान कर पा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि कई मामलों में इसे टाइफाइड या डबल टाइफाइड समझा जा रहा है।

बढ़ता बुखार और चिकनगुनिया का प्रकोप:

मौसम में बदलाव के साथ ही बुखार का प्रकोप भी तेज़ी से फैल रहा है। इस बार डेंगू और मलेरिया के साथ चिकनगुनिया के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। चिकनगुनिया में पूरे शरीर में तेज दर्द होता है, और यह आमतौर पर 5 से 6 दिन में ठीक होने वाली बीमारी है, मगर इस बार मरीज 10 से 12 दिन तक इसकी चपेट में हैं। बुधवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में 1500 से ज्यादा लोगों ने इलाज के लिए पर्चा बनवाया, जिनमें से 400 से अधिक लोग बुखार से पीड़ित थे। इनमें से कई मरीजों को बुखार के साथ हाथ-पैर, कमर, गर्दन, पीठ और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत थी। फिजीशियन डॉ. अलंकार सोलंकी का कहना है कि यह लक्षण चिकनगुनिया से मेल खाते हैं, लेकिन जांच में ज्यादातर मरीजों में टाइफाइड सामने आ रहा है।


बच्चों में वायरल बुखार का प्रकोप :

अली इंटीग्रेटिड मेडिकल सेंटर, सहसवान के चीफ़ फिजिशियन और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सैफुर रहमान उर्फ़ रानू का कहना है की उनके पास बड़ी तादात में मरीज़ इलाज के लिए आ रहे हैं जिनमें अधिक तादात बच्चों की है और ये बच्चे वायरल बुखार से ग्रस्त हैं । इस मौसम में बच्चों में बुखार और पेट दर्द की समस्याएं सबसे अधिक हैं। उन्होंने कहा ऐसी स्थिती में बुखार के दौरान बच्चों का शरीर गुनगुने पानी से साफ करें, जिससे रक्त संचार बेहतर हो और तापमान घटे। बच्चों को साफ और गर्म कपड़े पहनाएं, तरल पदार्थों का अधिक सेवन कराएं और प्रदूषण से दूर रखें।

बचाव के उपाय :

डॉ सैफ़ का कहना है कि ठंडे खाने-पीने की चीजों से परहेज करें।
• मच्छरों से बचाव करें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
• बुखार आने पर चिकित्सक की सलाह लें और
घर में आराम करें।
• प्लेटलेट्स की नियमित जांच करवाते रहें।
• आस-पास जलभराव न होने दें, ताकि मच्छरों का लार्वा न पनप सके।

डॉ. सैफ उर रहमान का कहना है कि मौजूदा स्थिति में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। बुखार होने पर तुरंत जांच करवाएं और समय पर उचित इलाज करवाएं।


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