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कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर में नवीनतम एवं गुणवत्तापूर्ण शोध पर किया गया एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बलराज सिंह ने एमएससी और पीएचडी के विद्यार्थियों के साथ संवाद किया । विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बलराज सिंह ने एमएससी और पीएचडी के विद्यार्थियों को कृषि क्षेत्र में होने वाले नवीनतम एवं गुणवत्तापूर्ण शोध के बारे मे जानकारी दी।
डॉ बलराज सिंह ने बताया कि रबी फसलों के लिए किसान ऐसी किस्मों का चयन करे जिसमें पानी की खपत कम हो एवं उत्पादन अधिक हो। उन्होंने कहा कि रबी फसलों में बीमारियों के बचाव के लिए बीजोपचार को एकमात्र विकल्प बताया‌ साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को फफूंदनाशक कीटनाशक एवं राइजोबियम कल्चर से बीजोपचार करना चाहिए ताकि कीट एवं बीमारियों का नियंत्रण प्राथमिक स्टेट में ही किया जा सके । साथ ही उन्होंने कहा कि एमएससी और पीएचडी के विद्यार्थियों को किसान के हितों को ध्यान में रखकर शोध करना चाहिए। डॉ बलराज सिंह ने बताया कि कृषि में गुणवत्तापूर्ण शोध करने के लिए प्रतिबद्धता, कड़ी मेहनत और रचनात्मक सोच की आवश्यकता होती है, ताकि वे कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव डाल सकें। कृषि में गुणवत्तापूर्ण शोध न केवल खाद्य सुरक्षा और कृषि उत्पादकता में सुधार करने में मदद करता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में भी योगदान देता है। इसलिए, छात्रों को कृषि में गुणवत्तापूर्ण शोध करना चाहिए। कृषि में नवीनतम शोध: कृषि क्षेत्र में लगातार नए शोध हो रहे हैं। कृषि क्षेत्र में लगातार नए-नए नवाचार हो रहे हैं, जो खेती-किसानी के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। ये नवाचार न केवल उत्पादकता बढ़ा रहे हैं, बल्कि संसाधनों के बेहतर उपयोग और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। कृषि में एमएससी और पीएचडी स्तर पर शोध परियोजनाओं के लिए कई अवसर उपलब्ध हैं। ये परियोजनाएं नई तकनीकों, जैव प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, खाद्य सुरक्षा और कृषि व्यवसायिकरण जैसे विभिन्न विषयों को कवर करती हैं।
1) प्रीसिशन एग्रीकल्चर।
2) बायोटेक्नोलॉजी इन एग्रीकल्चर।
3) फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन।
इसके अलावा, उन्हें नवीनतम तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण लेना चाहिए। कृषि महाविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ बलवीर सिंह बधाला ने बताया इस कार्यक्रम से एमएससी एवं पीएचडी के सैकड़ो विद्यार्थी लाभान्वित हुए।

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