मां कल्याणी संगीत संस्थान, झालावाड़,द्वारा कला दीर्घा कोटा में संगीत समारोह का हुआ सफल आयोजन.....
झालावाड़ 6 नवंबर जिले के एकमात्र संगीत संस्थान, मां कल्याणी संगीत संस्थान झालावाड़, द्वारा कला दीर्घा कोटा में संगीत समारोह का आयोजन किया गया l
कार्यक्रम में जिला स्तरीय, संभागीय एवं राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने मुख्य रूप से भाग लिया l
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व पुलिस अधिकारी नंद लाल पवन एवं विशिष्ट अतिथि डॉ .अशोक शर्मा के द्वारा हनुमानजी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया,वही मंच का संचालन देवेंद्र कुमार सक्सेना द्वारा किया गया l
कार्यक्रम के आरंभ में झालावाड़ के युवा तबला वादक स्वप्निल रावल के स्वतंत्र तबला वादन एवं तीन ताल में पेशकार कायदे गत टुकड़े प्रस्तुत कर सभी को आनंदित कर दिया एवं विभिन्न घरानों के बोल बाज बजाकर उपस्थित श्रोताओं को आनन्दित कर दिया,हारमोनियम पर पंडित राजेन्द्र बनर्जी ने साथ दिया l
राजस्थान के वरिष्ठ गायक डॉ विजयेंद्र गौतम ने शास्त्रीय गायन
के क्रम में -राग पुरिया धनाश्री, विलंबित रचना एकताल.… एरी माई क़ायलियाँ बोले विरहा की तान…..
मध्य लय रचना तीनताल- काहे करत झूँटों झगड़ो…...
राग देश मध्य विलंबित अद्धा तीन ताल - हो जी म्हारी बेग सुन लेजो….....
अंत में भजन जिनके हृदय श्री राम बसे…...सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया,इनके साथ तबले पर पंडित स्वप्निल रावल एवं हारमोनियम पर राजेन्द्र बनर्जी ने सधी हुई संगत की।
स्वर सुधा श्री सम्मान से विभूषित डॉ. राजेन्द्र माहेश्वरी ने अपने भजनों से भक्ति रस की धारा बहाई,तबले पर महूराज राव ने संगत की,उपशास्त्रीय गायन के अन्तर्गत प्रखर जोजन ठुमरी गाकर एवं कुणाल गंधर्व ने तबला संगत कर ने अपनी साधना का परिचय दिया l
मुम्बई से शास्त्रीय गायक स्व. जयराजगंधर्व के पुत्र ग़ज़ल गायक यशराज गंधर्व ने राग सरस्वती में छोटा ख्याल पेश किया,इनके साथ तबले पर संगत कोटा के उभरते कलाकार कुणाल गन्धर्व ने की l
अंत में समारोह के मुख्य कलाकार तबला रत्न पंडित प्रवीण उद्वव एवं उनके पुत्र श्रुतिशील उद्धव ने तीन ताल में दिल्ली,पंजाब,फर्रुखाबाद के पेशकार से अपने तबला स्वतंत्र वादन की शुरुआत की एवं बीच-बीच में महान तबला वादक पंडित किशन महाराज,पंडित सामता प्रसाद,अनोखे लाल, थिरकवा खां साहब, ताल योगी पंडित सुरेश तलवलकर की दुर्लभ रचनाएं पेश कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया,उन्होंने अपने पुत्र श्रुतिशील उद्धव के साथ जुगलबंदी कर कवित्त, फरमाइशी चक्करदार, गत टुकड़े, रेले फर्द आदि रचनाएं पेश की उनके वादन में दायें बायें का सामन्जय, द्रुत लय में भी बोलो की स्पष्टता, एवं लयकारी, तैयारी से सुधी श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए,इनके साथ हारमोनियम पर पंडित राजेन्द्र बनर्जी ने साथ दिया।
समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व पुलिस अधीक्षक एन. एल. पवन, डॉ.अशोक शर्मा, प्रो.प्रवीण उद्वव, श्री श्रुतिशील उध्दव, पंडित राजेन्द्र बनर्जी, डाॅ. विजयेंद्र गौतम,प्रो.राजेन्द्र बनर्जी, मां कल्याणी संगीत संस्थान झालावाड़ के संरक्षक पंडित घनश्याम राव, संचालक श्री देवेंद्र कुमार सक्सेना, महुराज राव, यशराज गंधर्व, स्वप्निल रावल, कुणाल गंधर्व, प्रखर जोजन आदि कलाकारों को,मां कल्याणी संगीत संस्थान झालावाड़,के निदेशक दीपक रावल एवं अध्यक्ष धनीराम समर्थ के द्वारा शाल और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया,साथ ही सभी अतिथि कलाकारों और कोटा संभाग से पधारें सभी श्रोताओं का आभार व्यक्त कर धन्यवाद ज्ञापित किया गया l