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*माइन रेगुलेशन का उलंघन कर कोयला उत्पादन -डीजीएमएस की खानापूर्ति हैवी ब्लास्टिंग के कारण लोंगो का जीना हुआ मुहाल आंदोलन की राह में ग्रामीण*

*माइन रेगुलेशन का उलंघन कर कोयला उत्पादन -डीजीएमएस की खानापूर्ति*

*हैवी ब्लास्टिंग के कारण लोंगो का जीना हुआ मुहाल आंदोलन की राह में ग्रामीण*

*दीपका//गेवरा//कोरबा:-*
एसईसीएल की दीपका और गेवरा क्षेत्र के खुली खदान में सुरक्षा मापदंड का खुला उलंघन कर कोयला उत्पादन और हैवी ब्लास्टिंग के खिलाफ शिकायत के बाद खान सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा कोई कार्यवाही नही होने और महज खानापूर्ति करने के कारण ग्रामीणों ने आंदोलन की घोषणा किया है ।

एसईसीएल की खुली खदानों में कोल माइनिंग रेगुलेशन 2017 के धारा 196 में उल्लेखित नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और आमजनों की जान-माल कीं सुरक्षा की अनदेखी हो रही है कोयला उत्खनन व उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने के लिए नियमो को ताक में रखा जा रहा है गांवो में स्थित मकानों और रिहायशी इलाकों ,विद्यालय , अस्पताल तक खदान का विस्तार कर लिया गया है ब्लास्टिंग के कारण घरों में पत्थर गिरने से जख्मी होना , मकानों में दरार आना व छत का गिरना , हैण्डपम्प , बोर का धसकने जैसी घटनाएं आम हो चुकी है खदान विस्तार से पूर्व प्रभावित ग्रामों को बिना हटाये जबरदस्ती खनन कार्य हो रहा है जबकि खदान के खनन परिक्षेत्र को डेंजर जोन एरिया में फेंसिंग किया जाना चाहिए और आबादी क्षेत्र के 500 मीटर दायरे के बाद ब्लास्टिंग की जानी चाहिए इन नियमो को दरकिनार कर खनन कार्य हो रहा है ।

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के कार्यकरणीं सदस्य अनुसुइया राठौर ने गेवरा और दीपका क्षेत्र के ग्राम अमगांव दर्राखांचा ,मलगांव में हैवी ब्लास्टिंग के कारण आमजनों को होने वाली परेशानी के सबन्ध में बताया है कि घरों से महज 10-20 मीटर दूरी तक खदान विस्तार किया जा चुका है यहां पर घेराबंदी भी नही किया गया है और हैवी ब्लास्टिंग से घरों तक पत्थर गिरने , छत टूटने ,मकानों में दरार आने की शिकायत आ रही है ब्लास्टिंग के समय पूरा एरिया दहशत में रहता है कि कब मकान धराशायी होकर गिर जाएगा । डीजीएमएस को शिकायत कई बार किया गया है किंतु कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति किया जाता है इसलिए अब ग्रामीणों के द्वारा ब्लास्टिंग को रोकने के लिए आंदोलन शुरू किया जा रहा है ।

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