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भारत की वैश्विक स्थिति: खतरे और चुनौतियों के बीच

हाल ही में, कनाडा ने भारत को उन देशों की सूची में शामिल किया है, जो उसके लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। यह कदम भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठाता है। अमेरिका ने भी इस दिशा में कदम उठाते हुए भारत की 19 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह पहले भी देखा गया था कि नवंबर 2023 में अमेरिका ने एक कंपनी और अप्रैल 2024 में तीन भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया था।

भारत के साथ अन्य देशों के संबंधों में यह बदलाव एक नई जटिलता को जन्म देता है। विदेशी नेताओं के साथ जबरन गले मिलना और भीड़ को भाड़े पर लेकर उन्हें खुश करने का प्रयास वास्तविक विदेश नीति नहीं है। यह केवल एक तमाशा है, जिसे देखकर शायद केवल बच्चे खुश हो सकते हैं।

राजनीतिक नाटक, जैसे "हाउडी हाउडी" जैसी घटनाएं, जो भारत के राजनैतिक नेतृत्व की ओर से की जाती हैं, उनके पीछे एक गहरी रणनीति होनी चाहिए। लेकिन इस तरह के नाटकों से वास्तविकता का सामना नहीं किया जा सकता। वास्तविकता यह है कि भारत की स्थिति अब चुनौतीपूर्ण बन गई है।

अमेरिका द्वारा भारतीय कंपनियों पर लगाये गए प्रतिबंध आर्थिक दृष्टि से भी गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। भारत को अपनी कंपनियों की सुरक्षा और वैश्विक बाजार में उनकी स्थिति को मजबूत करने की आवश्यकता है।

जब एक देश को खतरा माना जाता है, तो उसके लिए अपनी रक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। भारत को अपने सामरिक संबंधों को पुनः जांचने और मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि वह वैश्विक स्तर पर एक सुरक्षित स्थान बना सके।

भारत की वर्तमान स्थिति एक चुनौतीपूर्ण समय का संकेत है। देश को केवल बाहरी नाटकों में उलझने के बजाय, वास्तविक समस्याओं का समाधान करने की दिशा में बढ़ना चाहिए। यदि भारत अपनी नीति और कूटनीति को सही दिशा में ले जाता है, तो वह अपने लिए एक मजबूत भविष्य सुनिश्चित कर सकता है।

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