तोरण लगाने के महत्व
प्रमुख द्वार पर इस तरह का तोरण लगाने से आती है सुख-समृद्धि...........
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इसके लिए यह भी आवश्यक है कि हमारा घर वास्तु के अनुकूल हो ताकि हमारा जीवन समृद्धि से परिपूर्ण रहे। ऐसे में घर में दीपावली के पूर्व ही जितना बेकार सामान पड़ा हो उसे हटा दें। घर की सफाई करें। इस अवसर पर रंगोली बनाने की प्रथा भी शुरुआत से चली आ रही है। यदि रंगोली भी सही दिशा में बनाई जाए तो वह जीवन में खुशियां, समृद्धि और उपलब्धियां लेकर आती है। इसी तरह घर के प्रवेश द्वार में तोरण लगाने की परंपरा भी चली आ रही है, यदि आपके घर का द्वार उत्तर या उत्तर पूर्व की तरफ है, तो आप नीले रंग के फूलों का तोरण लगा सकते हैं। यदि आपके घर का द्वार दक्षिण की तरफ है, तो लाल, नारंगी रंग का और पश्चिम है तो पीले, पूर्व में है तो हरे रंग की तोरण लगाना समृद्धि का द्योतक है।
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उन्नति के लिए घर में किस दिशा में कैसी रंगोली बनाएं..........
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पिरामिड युक्त तोरण लगाने से निषेध करें। उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में रंगोली लहरिया आकार की बनाएं। उन्नति के नये अवसरों को आमंत्रित करने के लिए पूर्व में अंडाकार बनायें और दक्षिण में त्रिकोणाकार बनाएं। इससे आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं। घर में समृद्धि के लिए उत्तर व उत्तर पूर्व दिशा को साफ-सुथरा रखें। ये स्थान धन रखने के लिए उपयुक्त हैं पर यदि वास्तव में हम धन, सुख, समृद्धि अपने जीवन में लाना चाहते हैं, तो जरूरी है कि हम स्वयं में सकारात्मक बदलाव लाएं।
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इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. अशोक के पत्तों की बंदनवार चौखट पर लगाने से घर में आर्थिक संपन्नता आती है. पीड़ी कौड़ी और सीप की बंदनवार से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती. नारियल के रेखों तोरण लगाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और साथ ही रोग दूर होते हैं
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हरे फूलों और पत्तों का तोरण है शुभ..............
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यदि आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा की ओर है तो वहां हरे फूलों और पत्तों का तोरण या बंधनवार लगाना चाहिए। ताजे फूलों से बना तोरण आपके जीवन में खुशियां लाएगा। यदि आप मुख्य द्वार पर आम के पत्तों और पीले फूलों का तोरण लगाती हैं तो यह घर में माता लक्ष्मी के लिए प्रवेश द्वार खोल सकता है। आम के पत्ते लक्ष्मी जी को प्रिय होते हैं इसलिए ऐसा बंधनवार घर की सुख समृद्धि के लिए अच्छा होता है।
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तोरण के लिए आवश्यक हैं विशेष रंग...............
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शीतल जी बताती हैं कि यदि आप घर के प्रवेश द्वार पर माता लक्ष्मी के आगमन के लिए तोरण लगाते हैं तो इसे खरीदते समय इसके रंगों का विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि आपके घर का प्रवेश द्वार उत्तर दिशा की ओर है तो मुख्य द्वार के लिए नीले या आसमानी रंग के फूलों के तोरण का प्रयोग करना चाहिए। इन रंगों का तोरण घर में खुशहाली लाने के साथ आर्थिक लाभ भी देता है।
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दक्षिण दिशा में ऐसा तोरण लगाएं...........
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यदि घर का प्रवेश द्वार दक्षिण दिशा में हो तो हमेशा तोरण लाल, नारंगी या घर से मिलते जुलते रंग का होना चाहिए। दूसरी ओर पश्चिम द्वार के पास पीले फूलों का तोरण भाग्यशाली माना जाता है। इसके अलावा दक्षिण दिशा के लिए तोरण लगाते समय आम के पत्तों की टहनी का भी प्रयोग किया जा सकता है। यह सभी रंग और डिज़ाइन दक्षिण दिशा के लिए अत्यंत शुभ और अच्छे माने जाते हैं।
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भूलकर भी न लगाएं ऐसा तोरण...........
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वैसे तो घर के मुख्य द्वार पर ताजे फूलों और पत्तियों का तोरण लगाना शुभ माना जाता है लेकिन यदि ऐसा तोरण सूख जाए तो इसे प्रवेश द्वार से तत्काल ही हटा देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सूखे हुए पत्ते घर में माता लक्ष्मी के प्रवेश को रोक देते हैं और दरिद्रता का कारण बन सकते हैं। सूखे बंधनवार से घर में नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है और घर के सदस्यों को शारीरिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
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घर में जहां तक हो सके आपको ताजे फूलों का प्रयोग ही करना चाहिए। तोरण के रूप में क्रत्रिम फूलों और वस्तुओं का प्रयोग करने से बचना चाहिए। इसके अलावा घर में किसी कंटीली पत्तियों या फूलों से बने तोरण का प्रयोग करने से भी बचना चाहिए।
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जब आप घर में बंधनवार या तोरण लगाते हैं तो यह घर में सकारात्मकता का कारण बनता है और घर की आर्थिक स्थिति को ठीक करने में सहायता करता है। कुछ विशेष अवसरों जैसे होली, दीपावली, शादी या अन्य शुभ अवसरों पर मुख्य द्वार और घर के अन्य दरवाजों पर तोरण लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा आपको इन शुभ अवसरों पर पुराना तोरण हटाकर उसकी जगह नया तोरण लगाना चाहिए।
यदि आप भी घर में तोरण लगाते हैं तो आपको इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि वास्तु के अनुसार और सही दिशा में सही रंगों का तोरण लगाएं जिससे घर में खुशियों का प्रवेश हो सके।
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नोट ..........
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जिस घर में भगवान का, ब्रह्मवेत्ता संत का चित्र नहीं है वह घर स्मशान है। जिस घर में माँ-बाप, बुजुर्ग व बीमार का ध्यान नहीं रखा जाता उस घर से लक्ष्मी रूठ जाती है। बिल्ली, बकरी व झाड़ू की धूलि घर में आने से समृद्धि और उन्नति चली जाती है। गाय के खुर की धूलि से, सुह्र्दयता से, ब्रह्मज्ञानी सत्पुरुष के सत्संग से घर का वातावरण स्वर्गमय, सुखमय, मुक्तिमय हो जाता है।
धर्मः प्रथमं, राष्ट्रं द्वितीयम्।