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झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से पत्रकार की पत्नी की मौत एफआईआर दर्ज कराने की हुई मांग

संवाददाता हिमांशु त्रिवेदी (उन्नाव)


हिलौली उन्नाव। कुकुरमुत्तों की तरह खुल रहे अवैध क्लिनिको व जगह जगह बैठे झोलाछाप डॉक्टरों में से एक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से पत्रकार की 27 वर्षीय पत्नी की मौत हो गयी, पीड़ित युवक ने स्थानीय थाने में प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग की है। उन्नाव जनपद के मौरावां थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम हिलौली के मोहल्ला झुलऊ के सुंदर लाल शुक्ला के पुत्र साहित्य शुक्ला की शादी कुछ वर्ष पूर्व केतकी से हुई थी। शादी के करीब डेढ़ साल बाद साहित्य शुक्ला के घर किलकारी गूंजने लगी जब केतकी ने एक कन्या को जन्म दिया। केतकी ने करीब 25 दिन पहले दूसरी कन्या को जन्म दिया जिससे घर मे खुशियां ही खुशियां छा गयी। घर मे बेटी आने की खुशियां मनाई जा रही थी। साहित्य शुक्ला ने बताया कि 25 अक्टूबर को केतकी को बुखार आ गया। जिस पर साहित्य शुक्ल ने उन्हें पास के ही एक अस्पताल जन कल्याण में दिखाया। साहित्य शुक्ला के अनुसार अस्पताल में नौसुखिया स्टाफ देखकर उन्होंने डॉक्टर के बारे में पूछा तो वहां पर स्टाफ ने फोन पर जन कल्याण हॉस्पिटल के संचालक व डॉक्टर राम सिंह उर्फ रामू से संपर्क कराया डॉ0 राम सिंह उर्फ रामू ने फोन पर ही अपने स्टाफ को केतकी के इलाज का दिशा निर्देश देने लगा। इसके बाद वहां उपस्थित स्टाफ ने डॉक्टर के कहने पर करीब 7 बजे सुबह से लेकर 2 तक ग्लूकोस साहित्य शुक्ला की पत्नी को चढ़ते रहे तथा डॉक्टर द्वारा बताए गए करीब 15 से 20 इंजेक्शन दीप में लगाए। जिससे साहित्य शुक्ला की पत्नी की हालात और खराब हो गई। शरीर ठंडा पड़ने लगा। तब साहित्य शुक्ला ने घबराकर डॉक्टर से शिकायत की। जिस पर पहुंचे जनकल्याण अस्पताल के डॉक्टर राम सिंह रामू ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है मरीज के बुखार इतना बुखार चढ़ा था इसलिए इंजेक्शन लगाकर शरीर को ठंडा किया गया है, अब आपकी पत्नी सुबह तक चंगी हो जाएगी। जबकि हुआ ठीक उल्टा शाम होते-होते पत्रकार साहित्य शुक्ला की पत्नी की तबीयत और खराब होती चली गई इस बार जब उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया तो डॉक्टर ने कहा कि जीना मरना तो भगवान के हाथ में है अब हम इसमें कुछ कर नहीं सकते इसलिए इन्हें कहीं अच्छी जगह दिखाइए। यह सुनकर तो साहित्य शुक्ला के पैरों तले से जमीन खिसक गई, क्योंकि जो डॉक्टर अभी तक उनकी पत्नी का इलाज करके यह कह रहा था की सुबह तक केतकी भली चंगी हो जाएगी वही डॉक्टर अब हाथ खड़े कर दिए। दर्द से कराह रही पत्नी केतकी को आनन फानन साहित्य एक प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने बताया कि इनके ज्यादा ग्लूकोज चढ़ाने के कारण उनकी हालत ऐसी हो गई है। इन्हें लखनऊ में किसी अच्छे हॉस्पिटल में दिखाएं जिस पर वहां से साहित्य एवं उनके परिजन लखनऊ के लोक बंधु अस्पताल लेकर जा केतकी को लेकर जा रहे थे कि रास्ते में ही केतकी ने दम तोड़ दिया। साहित्य के साथ-साथ उसकी ढाई साल की व 25 दिन की बेटी के ऊपर तो मानो जैसे पहाड़ टूट गया। सुबह होते ही केतकी की मौत की खबर जनकल्याण हॉस्पिटल के प्रबंधक को जैसे ही हुई वैसे ही अस्पताल में ताला लगाकर व बोर्ड उखाड़ कर वह रफू चक्कर हो गया। यानी उसको भी इस बात का एहसास हो गया था कि केतकी की मौत उसकी लापरवाही से हुई है। अस्पताल के पंजीकरण के संबंध में जब सीएससी हिलौली के अधीक्षक दीपक वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जनकल्याण हॉस्पिटल पंजीकृत नहीं है। वही सूत्रों के अनुसार जनकल्याण हॉस्पिटल का डॉक्टर पहले रायबरेली जनपद के बछरावां में गाड़ी धुलाई का कार्य करता था। जो एक डॉक्टर के संपर्क में आने के बाद जिसे कुछ दवाइयां की जानकारी हो गई फिर उसने पहले बछरावां में एक अस्पताल खोला और उसके बाद उन्नाव जनपद के हिलौली में भी जनकल्याण नाम से एक अस्पताल खोल दिया। यानी यह डॉक्टर सीधा-सीधा मौत का सौदागर बन गया। सूत्रों की माने तो इसके पास ना तो कोई डिग्री है और ना ही यह किसी प्रकार से प्रशिक्षित है। बछरावां के एक सख्स दिलीप भारती का कहना है कि गाड़ी की धुलाई करने वाला लोगों की जिंदगियों के साथ खेल रहा था। वही एक पत्रकार के पास डॉक्टर की ऐसी रिकॉर्डिंग मौजूद है जिसमें डॉक्टर शराब पीकर ऑपरेशन तक अपने ही अस्पताल में कर देता था और हालत खराब होने पर अपने ही साथ गांठ किए गए लखनऊ के डॉक्टर के पास उस मरीज को रेफर कर देता था। कुल मिलाकर दिलीप भारती का ये कहना बिल्कुल सत्य लगता है कि ये डॉक्टर नही यमराज था। वही पत्नी केतकी का अंतिम संस्कार करने के बाद थाना मौरावां में जन कल्याण अस्पताल के विरुद्ध शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की मांग की है, जिस पर थाना प्रभारी मौरावां चंद्र कांत सिंह ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

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