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केंद्र सरकार डिजिटल फॉरेंसिक सर्विस प्रोवाइडर्स तलाश रही है। ऐसे विशेषज्ञों को ढूंढा जा रहा है जो पासवर्ड बाइपास कर मोबाइल का डेटा पाने में सक्षम हों। सा​थ ही वॉट्सऐप-टेलीग्राम जैसी मैसेज सर्विस के एन्क्रिप्टेड मैसेज रीड कर सकें।

ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अल्ट्रा मॉर्डन मोबाइल हैंडसैट, लैपटॉप और क्लाउड में छिपा डेटा क्रैक करना और मैसेज के एन्क्रिप्शन समझना जांच एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।

इन सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए कंपटिशन कमीशन ऑफ इंडिया के जरिए टेंडर निकाला गया है। मांग की गई है कि डिजिटल फॉरेंसिक सर्विस प्रोवाइडर के पास एक्सपर्ट्स की बड़ी टीम होनी चाहिए। जिसमें कम से कम 15 प्रोफेशनल्स हों।

विदेशी कंपनियों की बात करें तो इजराइल की सेलब्राइट मोबाइल पिन, पासवर्ड बाइपास कर सकती है। रूस की कंपनी ऑक्सीजेन का सॉफ्टवेयर डिटेक्टिव भी एन्क्रिप्शन तोड़ सकता है।

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