414 स्कूलों में आज भी जमीन पर बैठकर कर बच्चे पढ़ते हैं।
AIMA NEWS आजमगढ़, जिले के 414 प्राइमरी स्कूलों में डेस्क-बेंच की सुविधा नहीं है। जिससे बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। इन स्कूलों का कायाकल्प योजना से भी भला नहीं हो सका। जबकि जूनियर हाईस्कूलों में शासन से धनराशि मिमलने के बाद डेस्क-बेंच की व्यवस्था हो चुकी है।इन स्कूलों में डेस्क-बेंच के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। परिषदीय स्कूलों को निजी विद्यालयों की तरह विकसित करने के लिए 19 पैरामीटर पर कार्य कराया जा रहा है। इनमें अधिकांश कार्य ग्राम पंचायत स्तर पर होने हैं। अभी तक परिषदीय स्कूलों में सौ फीसदी कार्य भी पूरा नहीं हो सका है। कुछ जगहों पर खुद शिक्षकों ने अपने बजट से स्कूलों को स्मार्ट बनाया है। ग्राम प्रधान व क्षेत्र के सम्मानित लोगों से सहयोग लेकर विद्यालय में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। अभी भी कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यालयों में करीब 414 स्कूल ऐसे हैं, जहां अभी तक डेस्क-बेंच की व्यवस्था नहीं हो सकी है। बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि जूनियर हाईस्कूल में डेस्क-बेंच खरीदे जा चुके हैं। जिस पर बच्चे बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं, छात्रों और अभिभावकों ने जल्द डेस्क-बेंच लगवाने की मांग की है।810 जूनियर स्कूलों में लग चुके हैं फर्नीचरवर्ष 2019 में जिले के 810 जूनियर हाईस्कूलों में डेस्क-बेंच के लिए शाासन से तीन करोड़ 81 हजार रुपये अवमुक्त हुए हैं। इन विद्यालयों में डेस्क-बेंच की जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदारी की जा चुकी है। डेस्क-बेंच पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं।प्राथमिक विद्यालय के बच्चे टाट-पट्टी पर कर रहे पढ़ाईसठियांव ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय प्रथम व द्वितीय में डेस्क-बेंच नहीं होने के कारण बच्चे टाट-पट्टी पर बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं। विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि इसके लिए न नगर पालिका की तरफ से कोई पहल की जा रही है और न ही विभाग की तरफ से अभी तक बच्चों को बैठने के लिए डेस्क-बेंच की व्यवस्था की गई है।प्राइमरी स्कूलों में डेस्क-बेंच के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। शासन की तरफ से अभी तक धनराशि नहीं मिली है। धनराशि मिलते ही स्कूलों को डेस्क-बेंच उपलब्ध करा दिया जाएगा।