यहसांप एशिया के सबसे जहरीले सांप, कॉमन करैत को भी अपने भोजन के रूप में जिंदा निकल जाता है.
मुरादाबाद जिले के गांगन वाली मैनाठेर निवासी सर्पमित्र स्नेक कैचर फिरोज आलम ने बताया है की रेट स्नेक सांप को कई नाम से जाना जाता है. कहीं पर इसे लोग घोड़ा पछाड़ तो कहीं पर इसे लोग धामन के नाम से जानते हैं. वह बताते हैं कि हमारे ग्रामीण क्षेत्र में लोग इस देसी भाषा में पीला सांप कहते हैं. इसे किसानों का मित्र भी कहा जाता है. इसलिए क्योंकि रेट स्नेक भोजन के रूप में चूहों को खाता है. एक दिन में रेट स्नेक 15 से 25 चूहों को खा लेता है यानी अपनी पुरी ज़िन्दगी में लगभग 25000 चूहे और उन्हें पचा भी लेता है. इसलिए इसे किसानों का दोस्त कहा जाता है. क्योंकि रेट स्नेक किसनों की फसल को बर्बाद करने वाले चूहों को खो जाता है. वह बताते हैं कि पर्यावरण के लिए भी सांप की यह प्रजाति बहुत बढ़िया रहती है.
स्नेक कैचर फिरोज आलम बताते हैं कि रेट स्नेक की सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि यहसांप एशिया के सबसे जहरीले सांप, कॉमन करैत को भी अपने भोजन के रूप में जिंदा निकल जाता है. और आसानी से इसे पचा भी लेता है. वह बताते हैं कि इस सांप से इंसान की जान को खतरा नहीं होता है बल्कि इस सांप से हमें कई फायदे होते हैं. इसलिए इसे मारना नहीं चाहिए और किसानों का मित्र होने के कारण इसे ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित करना चाहिए. ताकि लोग कॉमन करैत जैसे खतरनाक सांप से बच सकें. और पर्यावरण का संतुलन भी बना रहे.
1% भी नहीं होता है इसमें पॉइजन
मुरादाबाद जिले के गांगन वाली मैनाठेर निवासी स्नेक कैचर फिरोज आलम बताते हैं कि इस प्रजाति के सांप में जहर की मात्रा यानी पॉइजन एक प्रतिशत भी नहीं होता है. अगर इंसान को यह सांप काट भी ले तो इसमें बैक्टीरिया ज्यादा होने के कारण छोटा-मोटा इन्फेक्शन जरूर बॉडी में फैल सकता है. सर्पमित्र फिरोज आलम बताते हैं कि इस सांप के काटने पर केवल एक वायरस के इंजेक्शन की जरूरत इंसान को पड़ती है. इसलिए रेट स्नेक के काटने पर नजदीकी अस्पताल में जाकर वायरस का इंजेक्शन जरूर लेना चाहिए.