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दीपावली पर दीपक के साथ जलाए अपने अहंकार को भी...सुमित कृष्ण जी महाराज


(मानव के जीवन में अहंकार ही उसके पतन का कारण)
खीरी प्रयागराज
जिस प्रकार दीपक के जलने से अंधकार अपने आप दूर हो जाता है। उसी प्रकार जब तक मनुष्य के हृदय में अहंकार भर रहेगा तब तक वह भगवान से दूर रहेगा। अतः इस बार हम सभी लोग दीपावली के पावन पर्व पर दीपक के साथ-साथ अपने अंदर के अहंकार को भी जला दे। जिससे भगवान और नेकी के रास्ते में आने वाली सभी अड़चन और बाधा समाप्त हो जाए। उक्त बातें प्रसिद्ध भागवत प्रवक्ता श्रद्धेय सुमित कृष्ण जी महाराज द्वारा धनतेरस के पावन पर्व पर कही गई। आगे बतलाया कि सभी सनातनी हिंदू का प्रमुख पावन दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है इस बार भी कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 1 नवंबर को शाम 6बजकर 16मिनट पर होगा। अतः इस बार 31 अक्टूबर को त्यौहार का शुभ मुहूर्त है सभी देशवासियों एवं विश्व के सभी लोगों से निवेदन है कि इस वर्ष के दीपोत्सव त्यौहार पर संकल्प लिया जाए की एक दूसरे के सहयोग की भावना अपने अंदर लानी है और साथ ही साथ अपने जीवन से अहंकार को समाप्त करना है। जिसके कारण आने वाले समय में एक बार फिर से हमारा हिंदू धर्म और भारत देश सर्वोच्च शिखर पर पहुंच सके।

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