सभी देशवासियों को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं
धनतेरस के साथ ही आज से दीपावली के पंच महापर्व की शुरुआत हो चुकी है । पांच दिनों के महापर्व दीपावली में पहला पर्व है कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी। इस दिन समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों में से एक आयुर्वेदाचार्य धन्वंतरी हाथ में अमृत-कलश लिए प्रकट हुए थे। इनके दृष्टिपात से सूखी खेती हरित होकर लहलहा उठती थी। मृत जीवित हो आता था। विधाता के कार्य में यह बहुत बड़ा व्यवधान पड़ गया। सृष्टि में भयंकर अव्यवस्था उत्पन्न होने की आशंका के भय से देवताओं ने इन्हें छल से लोप कर दिया। वैद्यगण इस दिन धन्वंतरी जी का पूजन करते हैं और वर मांगते हैं कि उनकी औषधि व उपचार में ऐसी शक्ति आ जाए जिससे रोगी को स्वास्थ्य लाभ हो। सद्गृहस्थ इस दिन अमृत पात्र को स्मरण कर नए बर्तन घर में लाकर धनतेरस मनाते हैं। आज के दिन ही बहुत समय से चले आ रहे मनो मालिन्य को त्याग कर यमराज ने अपनी बहिन यमुना से मिलने हेतु स्वर्ग से पृथ्वी की ओर प्रस्थान किया था। गृहणियां इस दिन से अपनी देहरी पर दीपक दान करती हैं, जिससे यमराज मार्ग में प्रकाश देखकर प्रसन्न हों और उनके गृह जनों के प्रति विशेष करुणा रखें। इस वर्ष यह पर्व 29 अक्टूबर 2024 मंगलवार को मनाया जा रहा है ।। आज प्रदोष व्रत के साथ-साथ प्रदोष काल में दीपदान का विशेष महत्व रहेगा।आल इण्डिया मीडिया एसोसिएशन की ओर से सभी देशवासियों को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई ।