बेमेतरा / छत्तीसगढ :- भाजपा विधायक के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर आदिवासी समाज ने किया एक दिवसीय धरना प्रदर्शन ।
बेमेतरा / छत्तीसगढ :- भाजपा विधायक के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर आदिवासी समाज ने किया एक दिवसीय धरना प्रदर्शन
साजा विधानसभा में शनिवार को भाजपा विधायक ईश्वर साहू के बेटे द्वारा आदिवासी युवक के साथ की गई मारपीट तथा आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर आदिवासी समुदाय के लोगों ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। कार्रवाई न होने पर समाज ने आक्रामक आंदोलन की चेतावनी दी है ।
धरने में शामिल पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद नेताम ने पत्रकारों से कहा कि, साजा में मनीष मंडावी के साथ हुई घटना को लेकर शासन गंभीर नहीं है ।ऐसे मामलों में अगर न्याय न मिले तो समाज के लिए यह चिंता का विषय है। प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है।नेताम ने सरकार और पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी और कहा कि कोंटा से लेकर बलरामपुर तक समाज को इकठ्ठा किया जा रहा है।आगे ये लड़ाई जारी रहेगी।घटना वाले दिन के बाद से ही आदिवासी लगातार विधायक ईश्वर साहू के बेटे की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
साजा विधानसभा में शनिवार को भाजपा विधायक ईश्वर साहू के बेटे द्वारा आदिवासी युवक के साथ की गई मारपीट तथा आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर आदिवासी समुदाय के लोगों ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। कार्रवाई न होने पर समाज ने आक्रामक आंदोलन की चेतावनी दी है ।
धरने में शामिल पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद नेताम ने पत्रकारों से कहा कि, साजा में मनीष मंडावी के साथ हुई घटना को लेकर शासन गंभीर नहीं है ।ऐसे मामलों में अगर न्याय न मिले तो समाज के लिए यह चिंता का विषय है। प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है।नेताम ने सरकार और पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी और कहा कि कोंटा से लेकर बलरामपुर तक समाज को इकठ्ठा किया जा रहा है।आगे ये लड़ाई जारी रहेगी।घटना वाले दिन के बाद से ही आदिवासी लगातार विधायक ईश्वर साहू के बेटे की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
विधायक के बेटे को गिरफ्तार करने की मांग: विधायक के बेटे कृष्णा साहू पर आरोप है कि उसने दशहरा उत्सव के दिन चेचानमेटा में आदिवासी युवक मनीष मंडावी की पिटाई की. दोनों पक्षों की ओर से थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई गई. साजा पुलिस दोनों पक्षों की तहरीर पर मामले की जांच कर रही है. आदिवासी समाज से जुड़े लोगों की मांग है कि विधायक ईश्वर साहू के बेटे को गिरफ्तार किया जाए. निष्पक्ष जांच की मांग भी आदिवासी समाज कर रहा है।