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हेमंत सोरेन के प्रस्तावक मुर्मू मंडल को अगवा करने का प्रयास : सुप्रियो भट्टाचार्य

रांची, 27 अक्टूबर : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने चुनाव में लगे अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बरहेट से प्रस्तावक मंडल मुर्मू को अगवा करने की कोशिश की गयी। सुप्रियो ने झारखंड राज्य में पदस्थापित भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
भट्टाचार्य हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इन अफसरों ने चुनावी प्रक्रिया मे हस्तक्षेप करते हुए एक विशेष राजनीतिक दल (भाजपा) के पक्ष में आचार संहिता का उल्लंघन का काम किया है। उन्होंने तीनों पदाधिकारियों को चुनाव कार्य से अलग करने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में भारतीय निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर जानकारी दी गयी है। साथ ही झारखंड मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार, आईपीएस एवी होमकर और आईपीएस संजय आनंद लाटकर के खिलाफ आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है। पत्र में पदाधिकारियों के जरिये पद का दुरुपयोग करते हुए चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते हुए एक विशेष राजनीतिक दल (भाजपा) के पक्ष में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की बात कही गई है। साथ ही संपूर्ण तथ्यों की निष्पक्ष एवं गहनता से जांच कर उक्त पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की जाये और तत्काल प्रभाव से उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया से विमुक्त करने की बात भी कही गई है। पत्र ने लिखा है कि वर्तमान में हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं और झामुमो के स्टार प्रचारक भी हैं। हेमंत सोरेन के नामांकन को प्रभावित करने के लिए उनके प्रस्तावक जिस प्रकार प्रभावित किया गया, यह एक आपराधिक साजिश के साथ साथ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।

क्या लिखा है पत्र में

27 अक्टूबर को अपराह्न लगभग 1 बजे गिरिडीह पुलिस के जरिये वाहन जांच के क्रम में एक वाहन को रोका गया। इसमें कई व्यक्तियों के साथ मंडल मुर्मू जो हमारे साहेबगंज जिले के 03 बरहेट (अ.ज.जा) के अधिकृत प्रत्याशी हेमंत सोरेन के प्रस्तावक भी हैं, को रोका गया और उनसे उनके गंतव्य के बारे में पूछा गया। वाहन में सवार यात्रियों के जरिये कोई उत्तर ना दिए जाने के कारण वाहन को गिरिडीह पुलिस ने रोक लिया। इसके पश्चात राज्य मुख्य चुनाव अधिकारी रवि कुमार (आईएएस), संजय आनंद लाटकर (आईपीएस) और अमोल वेनुकांत होमकर के जरिये अपने पद और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग कर गिरिडीह जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर अनावश्यक दबाव बनाकर गिरिडीह पुलिस के संरक्षण में रहे वाहन को सभी यात्रियों के साथ आनन-फानन में मुक्त कर दिया गया।

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