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उद्यानीकरण एवं बागवानी के क्षेत्र में मिशाल कायम कर रहा है केशरीबाग जगेठी, अफलित पौधों से फल पाने को अपनाते हैं यह अजीब नुस्खा

टिहरी, केदार सिंह चौहान 'प्रवर': उत्तराखंड के टिहरी जनपद अंतर्गत चम्बा प्रखण्ड के जगेठी गांव का केशरीबाग बहुत चिर-परिचित नाम है। यह केशरीबाग अपने आप में ऐतिहासिक पहचान रखता है। कभी इस केशरीबाग में केशर की खेती भी हुआ करती थी। वर्तमान में जगेठी गांव का केशरीबाग उद्यानीकरण एवं बागवानी के क्षेत्र में मिशाल कायम कर रहा है। इस केशरीबाग का संरक्षण वर्तमान में भानुप्रकाश रावत व उसकी माता श्रीमती गायत्री देवी व उसका छोटा भाई दिग्विजय सिंह रावत समेत प्रमिला रावत, सुषमा रावत, अनमोल रावत कर रहे हैं।

आपको बता दें कि केशरीबाग के संस्थापक स्व. श्री मोर सिंह रावत अखिल भारतीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं। वे टिहरी जिले के अकेले ऐसे राजनीतिज्ञ थे जो स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी के बिल्कुल करीबी माने जाते थे। उनके पुत्र स्व. श्री भक्तदर्शन सिंह रावत भी अखिल भारतीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहकर स्व. राजीव गांधी के नजदीकी राजनीतिज्ञ थे।

जगेठी के इस केशरीबाग में यह उद्यानपति परिवार नगदी फसलों व सब्जियों के अलावा विभिन्न प्रकार के फलों का उत्पादन करता है। यहां पर विभिन्न प्रजाति के फलों के करीबन 500 से अधिक जीवित पौधे हैं। इस समय यह औद्यानिक परिवार अरबी एवं अदरक की फसलों को निकालने के उपरान्त लहुसन प्याज आदि की पौध रोपण कर रहा है। बागवानी के अलावा यह सामाजिक परिवार गोपालन का भी शौकीन रहा है, दुग्ध उत्पादन के लिए इनके यहाँ गाय हमेशा उपलब्ध रहती है।

फलोद्यान एवं नगदी फसलों को जंगली जानवरों, सुअरों तथा बंदरों द्वारा बेतहासा नष्ठ किए जाने की घटनाएं तो इस क्षेत्र में बहुतायत होती आ रही हैं। जिस कारण अधिकांश कास्तकार खेती बागवानी से मुंह मोड़ चुका है और सर्वाधिक सिंचित व असिंचित खेती बंजर हो चुकी है और बची खुची बंजर होने की राह देख रही है।

जंगली जानवरों के आतंक से फसलों, बागवानी एवं उद्यान को बचाने के लिए भानुप्रकाश का परिवार बड़ा चिंतित था, तो भानु प्रकाश ने उद्यान विभाग से सम्पर्क कर अपनी इस भूमि पर 200 मीटर के दायरे में तार जाले की घेरबाड़ करवायी। जिससे अब उसे कुछ राहत महसूस हो रही है।

उद्यान सचल दल इकाई गजा की प्रभारी सुश्री सुषमा चौहान ने भानुप्रकाश के उद्यान का भ्रमण कर गुरुवार को उन्हें फलोद्यान एवं बागवानी में आ रही कठिनाईयों के निदान की जानकारियां भी प्रदान की।

ग्राम कोठी मल्ली के प्रमुख कास्तकार व उद्यानपति महावीर प्रसाद उनियाल आदि ने भी इस केशरीबाग का भ्रमण किया। इस दौरान उद्यानपति भानु प्रकाश रावत ने सभी आगन्तुकों का सूक्ष्म जलपान करवाने के साथ माल्यार्पण कर अभिनन्दन भी किया।

आपको यह भी बताते चलें कि भानु प्रकाश ने नींबू प्रजाति के फल न देने वाले पौधों व फूल झड़ जाने वाले पौधों को लेकर इस मौके पर एक अजूबा घरेलू नुख्सा बताया कि ऐसे पौधों के तनों पर दूसरी जाति यथा यदि आप रावत जाति के हैं तो अन्य चौहान या उनियाल जाति के व्यक्तियों लाठी मरवायें या फिर दीपावली की अमावस्या को उनकी जड़ों के निकट एक पटाखा फोड़ दें तो उन पौधों पर अगली बार भरपूर फल आयेंगे।

उनका कहना है कि वे इस नुख्से को दादाजी याने स्व. श्री मोर सिंह जी के समय से अजमाते आये हैं। आप भी अपने ऐसे पौधों पर यह नुख्सा जरूर आजमायें। आपके अफलित पौधे अगली सीजन में अवश्य फलदायी होंगे। क्योंकि दीपावली नजदीक है उस दिन आप पौधों की जड़ो के निकट पटाखे फोड़ सकते हैं। ताकि अगली बार आपके पौधे अच्छे से फल प्रदान कर सकें।

आप सभी को 'दीपोत्सव' की अग्रिम शुभकामनायें।

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