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उत्तर प्रदेश पुलिस और उसके मुखिया

उत्तर प्रदेश पुलिस और उसके मुखिया

मुहम्मद तारिक

करीब 243286 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले और लगभग 20 करोड़ (2011 की जनगणना के मुताबिक) से ज्यादा जनसंख्या के साथ, उत्तर प्रदेश को न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा एकल पुलिस बल होने का गौरव प्राप्त है। उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक 75 जिलों में 33 सशस्त्र बटालियनों खुफिया, जांच, भ्रष्टाचार निरोधी, तकनीकी, प्रशिक्षण, अपराध विज्ञान इत्यादि से संबन्धित विशेषज्ञ प्रकोष्ठ / शाखाओं में फैले करीब 3.10 लाख कर्मियों के बल की कमान संभालते हैं।

देश की वर्तमान पुलिस प्रणाली 1861 के पुलिस एक्ट के परिणामस्वरूप बनी थी। ये एक्ट 1860 में श्री एच.एम. कोर्ट की अगुवाई में गठित पुलिस आयोग की अनुशंसाओं के बाद अधिनियमित हुआ था। यही श्री कोर्ट उत्तर पश्चिम प्रांत और अवध, जो वर्तमान के उत्तर प्रदेश का क्षेत्र है, के पहले पुलिस महानिरीक्षक बने। पुलिस महकमे का ढांचा निम्नलिखित आठ संगठनों के रूप में खड़ा किया गया था :

प्रांतीय पुलिस
राजकीय रेलवे पुलिस
शहर पुलिस
छावनी पुलिस
नगर पुलिस
ग्रामीण एवं सड़क मार्ग पुलिस
नहर पुलिस

बर्कन्दाज गार्ड (अदालतों की सुरक्षा के लिए)
समय के साथ सिविल पुलिस का विकास होता गया और आज़ादी के बाद श्री बी. एन. लाहिरी प्रदेश के पहले भारतीय पुलिस महानिरीक्षक बने। अपराध नियंत्रण और विधि-व्यवस्था बनाए रखने में प्रदेश पुलिस के कार्य प्रदर्शन को बहुत सराहा गया और इसे देश के पहले पुलिस बल के रूप में 13 नवंबर 1952 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा ‘कलर्स’ प्राप्त करने का गौरवपूर्ण सौभाग्य हासिल है। तभी से इस पुलिस बल ने सांप्रदायिक और सामाजिक सौहार्द्र और विधि-व्यवस्था बनाए रखने, और अपराध पर नियंत्रण रखने की अपनी गौरवशाली परंपरा को कायम रखा हुआ है ताकि जनमानस के बीच सुरक्षा की भावना समाहित करने और राज्य का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके।

संगठित अपराध, आर्थिक अपराध इत्यादि से निपटने के लिए प्रदेश पुलिस बल में विभिन्न विशेषज्ञता प्राप्त प्रकोष्ठ अस्तित्व में आए हैं। अपराध विज्ञान, प्रशिक्षण, कम्प्यूटर, दूर संचार, अपराध विज्ञान, नवीनतम उपकरण, आधुनिक शस्त्र और नए वाहन जैसे तकनीकी साधनों के क्षेत्र में आधुनिकीकरण पर उचित ज़ोर दिया जा रहा है।


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