डीएम का औचक निरीक्षण: जिला अभिलेखागार में मिली अनियमितताएं, लिपिक निलंबित
सीतामढ़ी: जिलाधिकारी (डीएम) रिची पांडेय ने जिला अभिलेखागार कार्यालय का औचक निरीक्षण किया, जिसमें कई अनियमितताएं पाई गईं। उन्होंने कार्यालय की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक व्यवस्था का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान कई खामियों को देख डीएम ने तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान सीतामढ़ी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनोज कुमार तिवारी भी मौजूद थे। डीएम को पहले से ही कुछ शिकायतें मिली थीं, जिनके आधार पर यह अचानक दौरा किया गया। कर्मचारियों के काम करने के तरीके और जनता से उनके व्यवहार को लेकर डीएम ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्यालय में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए और जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके साथ ही डीएम ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि जनता के काम समय पर और सुगमता से पूरे किए जाएं। सुधारात्मक कदम और निर्देश डीएम रिची पांडेय ने कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों को तुरंत सक्रिय रखने का आदेश दिया ताकि कामकाज पर निगरानी रखी जा सके। उन्होंने सख्ती से कहा कि बाहरी लोगों को कार्यालय के काम में हस्तक्षेप करने की अनुमति न दी जाए और यदि ऐसा पाया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जनता की सुविधा के लिए जरूरी सूचनाएं फ्लेक्स बैनर के माध्यम से स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाएं। इसके साथ ही अभिलेखागार के कई दस्तावेजों और रजिस्टरों की जांच की गई। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि चिरकुट जमा करने के बाद नियमानुसार जल्दी से जल्दी नकल जारी की जाए ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। लिपिक मो. जाकिर हुसैन निलंबित निरीक्षण के दौरान डुमरा प्रखंड कार्यालय के पूर्व और वर्तमान में जिला राजस्व शाखा में पदस्थापित लिपिक मो. जाकिर हुसैन पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और कर्तव्य में लापरवाही के आरोप लगे। उन पर यह आरोप था कि उन्होंने प्रखंड नजारत का प्रभार स्थानांतरित करने के बाद भी कार्यालय को नहीं सौंपा और 25,72,567 रुपये की राशि संबंधित कार्यालय में जमा नहीं की। इसके अतिरिक्त, कई बार स्पष्टीकरण मांगे जाने के बावजूद उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इन वित्तीय गड़बड़ियों और अनुशासनहीनता के चलते डीएम ने उन्हें तुरंत निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय सोनबरसा प्रखंड कार्यालय निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही डुमरा के प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वे एक सप्ताह के भीतर इस मामले पर विस्तृत जांच रिपोर्ट और साक्ष्य प्रस्तुत करें। डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच पूरी होने के बाद दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने अंत में यह भी कहा कि जिला अभिलेखागार में भविष्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरे किए जाने चाहिए। इस औचक निरीक्षण ने न केवल कार्यालय के कामकाज पर सवाल उठाए बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों को अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने का कड़ा संदेश भी दिया।