उपचुनाव से पहले बरनाला में राज्य सरकार के खिलाफ गरजे कंप्यूटर अध्यापक, मीत हेयर के घर के समक्ष हुआ जबरदस्त रोष प्रदर्शन
पंजाब के सरकारी स्कूलों में सेवारत राज्य भर के कंप्यूटर अध्यापक अपनी जायज मांगों को लेकर संगरूर के डीसी कार्यालय के सामने पिछले 53 दिनों से लगातार भूख हड़ताल के साथ-साथ विभिन्न संघर्षात्मक कार्यक्रम कर रहे हैं। लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली है। इसी कड़ी के तहत आज राज्य भर से कंप्यूटर अध्यापकों ने बरनाला में एकत्रित होकर कंप्यूटर अध्यापक भूख हड़ताल कमेटी पंजाब के बैनर तले पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर रोष प्रदर्शन करते हुए अपनी जायज मांगों के लिए आवाज बुलंद की। उपचुनाव से पहले सरकार के खिलाफ हुए इस जबरदस्त रोष प्रदर्शन के कारण सरकार को भारी नुकसान हो सकता है। कंप्यूटर अध्यापकों ने 3 नवंबर को गिद्दड़बाहा में राज्य स्तरीय रैली करने की भी घोषणा की है जो उपचुनाव में सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकता है। राज्य भर से पहुंचे कंप्यूटर अध्यापकों ने रेलवे स्टेशन के पास एकत्रित होकर सबसे पहले शहर के विभिन्न चौराहों और बाजारों में रोष मार्च करते हुए पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कंप्यूटर अध्यापकों द्वारा एक विशाल मशाल मार्च भी निकाला गया। इसके बाद बड़ी संख्या में कंप्यूटर अध्यापकों ने सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर के निवास के सामने पहुंचकर नारेबाजी की। इस अवसर पर मौजूद विभिन्न कंप्यूटर अध्यापक नेता परमवीर सिंह पम्मी, जोनी सिंगला, नरदीप शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रियों और अन्य नेताओं द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले उनकी सभी जायज मांगों को पूरा करने का वादा किया गया था जो अभी तक पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की तरह आम आदमी पार्टी की सरकार भी सिर्फ झूठे वादों की नीति ही अपना रही है। कंप्यूटर अध्यापकों ने आरोप लगाया कि रेगुलर होने के बावजूद वे ठेका कर्मचारियों की तरह परेशानी झेल रहे हैं। उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह कोई भी लाभ नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उन्हें छठे वेतन आयोग का लाभ देते हुए बिना शर्त शिक्षा विभाग में विलय किया जाए। कंप्यूटर अध्यापकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि राज्य सरकार ने समय रहते उनकी सभी मांगों को बिना शर्त पूरा नहीं किया तो वे चल रहे संघर्ष को और तेज कर देंगे और राज्य भर में पंजाब सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर रोष प्रदर्शन और रैलियां की जाएंगी जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।