कोटा।।। 22अक्टूबर सोमवार।।
नान्नता स्कूल बस पलटी 1बच्चे की मौत,7गंभीर 15चोटिल ।।।
बूढी एक्सपायरी बालवाहनियों में नौनिहालों की जिंदगी दाव पर।।।
कुन्हाड़ी सुभाष विहार, स्थित निजी विद्यालय सत्यम स्कूल की एक बस पलट गई।।
जिसमें करीब 11बच्चे घायल हो गए।।
स्कूल से घर ले जाते समय सहस्त्रबाहु अभेड़ा तिराहे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई बस में करीब 20 से 25 बच्चे सवार बताए जा रहे हैं।।
प्रत्यक्ष दर्शी सामने से आ रहे हैं व्यक्ति ने बताया कि बस अपने आप एक तरफ मुडे जा रही थी और चलते-चलते करीब 7 फीट नीचे रोड से उतर गई।।।।।
जैसे ही बस गिरी वह पलट गई ग़नीमत रही की बस ने केवल एक ही पलटा खाया लेकिन तब तक एक बच्चा जिसका गर्दन न बाहर निकली हुई थी वह गंभीर घायल हो गया,,।।
बिना कोई देरी किए रेस्क्यू चालू कर दिया भीड़ में कोटा ब्रिक्स के मुंशी और ओएसिस ब्रिक्स के कर्मचारियों सोनू मीणा दोनों ने मिलकर बस के कांच तोड़कर अंदर प्रवेश किया,इस पूरे मंजर में बिना अपनी परवाह किये हाथों को चोट लग जाने के बाद भी इन दो प्रमुख व्यक्तियों ने रेस्क्यू में बड़ी भूमिका निभाई ।।
हालांकि बाद में एक-एक करके करीब 50 से अधिक लोगों ने इस पूरे दुर्घटना में बचाव में अपना योगदान दिया ।।।
थोड़ी देर बाद मौके पर पहुंचे अनिल सुवलका पूर्व नेता प्रतिपक्ष नगर निगम कोटा ने भी लोगों को जानकारी जुटाकर छात्रों के परिजनों को फोन किया ।।
पुलिस प्रशासन आदि को आने के बाद आगे की कार्यवाहियां प्रारंभ हुई बचाव में जुटे लोगों ने अपने स्तर पर ही छात्रों को अस्पताल पहुंचाने का कार्य किया ,,बाद में मौके पर पहुंचे नानता थाना एसएचओ नवल किशोर शर्मा ने भी मौके से सीधा अस्पताल पहुंचे।।। गंगा सहाय जी ने बस को गड्ढे से बाहर निकलवाने के लिए कार्यवाही की।।
*सभी बच्चे गरीब मजदूर परिवारों के*
बस में इस चौराहे के बाद जो भी बच्चे सवार थे वह सभी गरीब और ईटों की फैक्ट्री में काम करने वाले वर्कर्स परिवारों के थे अपने नोनीहालों को उज्जवल भविष्य की कामना के साथ में प्राइवेट स्कूलों में भेजने वाले मेहनतकश मां बापू की इस हादसे के बाद में तो मानो जैसे दुनिया ही उजड़ गई।।
*ड्राइवर मौके से फरार संचालक का फोन बंद*
मां-बाप को परिजनों ने अपने बच्चों की सुध लेना प्रारंभ किया, लेकिन मौके पर किसी भी पुलिस अधिकारी ने कोई जानकारी नहीं दी वहीं स्कूल संचालन महोदय ने तो अपना फोन ही स्विच ऑफ कर लिया एवं बस का ड्राइवर भी मौके से फरार हो गया ।।
गनीमत रही कि वहां से ज्यादातर गुजरने वाले लोग उन्हीं ईटों की फैक्ट्री में काम करने वाले लोग थे बस को पहचान कर सभी ने बिना कोई देरी किए बचाव और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकलने का अपने स्तर पर पूरा-पूरा प्रयास किया जिससे हटा दो की संख्या तो कम हुई वहीं उन्हें तत्काल मेडिकल सुविधाएं भी प्राप्त करने के लिए अस्पताल रवाना कर दिया गया।।।
सवाल।।।
सवाल जो सामने आए।।
प्रथम द्रष्टया में पता लग रहा है कि बस का रजिस्ट्रेशन एक्सपायरी है ।।
वही बस में आवश्यक सुरक्षा उपाय व फिटनेस के बारे में भी जानकारीनहीं मिल रही है।।
1बाल वाहिनियों का नहीं होता है रूटिंग चेक अप ।।।
2.बाल वाहिनी में नहीं लगे हुए थे सीसीटीवी कैमरे..
3. वहां की फिटनेस आदि जांच का विषय
4. यदि यह बलवानी अपने अंतिम पड़ाव स्थल पर भी अगर 20 से 25 बच्चे लेकर जा रही थी तो बाकी अन्य स्टॉपेज पर कितने बच्चे उतारे गए क्या यह ओवरलोड चलती है।
एक्सपायरी बूढी हो चुकि नोनीहालों की ***बालवाहनियां**
शहर के व्यस्ततम चौराहों से गुजराती 18 की सीट पर 40 बच्चों को भरकर शहर भर का चक्कर लगाने वाली इन बाल वाहिनियों को जांच करे कौन,,, इन प्राइवेट स्कूलों की राजनीतिक रसूक और क्षेत्र में वर्चस्व किसी से छुपा हुआ नहीं है,दूसरे शब्दों में किसी भी प्राइवेट स्कूल का संचालक उस क्षेत्र का स्वयंभू***पार्षद*** ही है///
जब भी कोई चुनाव हो हर नेता किसी न किसी स्कूल वाले की शरण में पहुंच जाता है उसे पता है कि स्कूल वाले के संपर्क में हजार 500 परिवार हैं ही सही!!!
वही नियमों की धज्जियां उड़ाते कई स्कूल संचालक तो बिना मान्यताओं के सेकंडरी और सीनियर की एडमिशन ले रहे हैं।।।
बाल वाहिनियों को सुरक्षा की दृष्टि से अपने अंदर एक-एक सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य रूप से लगवाना चाहिए,,हो सके तो इनकी मॉनिटरिंग ऑनलाइन नोडल अधिकारी को अपने मोबाइल पर भी करनी चाहिए जिससे कि संबंधी स्कूल की बाल वाहिनियों में बच्चों के साथ में इसी प्रकार के दुर्व्यवहार ओवरलोड एवं अन्य सभी प्रकार की परेशानियों का समाधान भी निकाल सके क्योंकि कभी भी कोई बच्चा गार्डियन आगे आकर तो शिकायत करने से रहा ,,आखिर बच्चों के भविष्य का मामला है कोई भी इन मगरमच्छों से बैर नहीं पालना चाहता।।
वही अभय कमांड सेंटर को कोटा के बचे हुए संवेदनशील चौराहा से तत्काल जोड़ देना
चाहिए।।। शहर में बढ़ते अपराध हो चोरी में डकैतियों का एकमात्र समाधान ऑनलाइन और सभी चौराहों को जो कि शहर के मुख्य एंट्री प्वाइंट्स है ,,,जोड़ देने से ही संभव है।।।
*विनोद कुमार,,, गौड*
स्वतंत्र पत्रकार।।
*15 मिनट में निकल लिए हमने सारे बच्चे।* सोनू मीणा।।
वर्जन।।
वही बच्चों को बचाने में जुटे *सोनू मीणा* ने बताया कि जब हमने बस को पलटते हुए देखा तो हमें तो कुछ नहीं सुझा,, जैसे तेसे बस के दूसरी तरफ से कंचों को तोड़ते हुए बस के अंदर गए बच्चों को बाहर निकाल बस तोड़ते समय मेरे हाथों में भी काफी गहरे घाव हो गए हैं लेकिन हमने लगभग सभी बच्चों को 15 मिनट के भीतर बाहर निकाल लिया
कांग्रेस नेता पूर्व नेता प्रतिपक्ष नगर निगम कोटा ।।
अनिल सुवालका ने जब बस गिरी हुई देखी और लोगों को बचाव कार्य करते देखा तो उन्होंने भी तत्काल एक जेसीबी मंगवाली जिससे कि बस को सीधा करवाया जा सके और हताहतों की जानकारी जुटाकर उनके घर वालों को सूचनाये भिजवाई।।
वर्जन
*बस ड्राइवर को पहले भी समझाया था* मौके पर मौजूद राधाकिशन ने बताया।
इस बस के ड्राइवर को हमने पहले भी बच्चों को रॉन्ग साइड उतारते हुए टोक था इस बात की शिकायत जब हमने ड्राइवर से की तो उसने स्कूल मालिक से बात कराई स्कूल मलिक ने उल्टा हमें धमकाया और कहा कि आपके बच्चे थोड़ी है।।।
आप अपना काम करो।।।