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वाल्मीकि जयंती पर अवकाश नहीं देने पर आक्रोशित निगम कर्मचारियों ने 2 घंटे तक निगम में की नारेबाजी

*वाल्मीकि जयंती पर अवकाश नहीं देने पर आक्रोशित निगम कर्मचारियों ने 2 घंटे निगम में की नारेबाजी,


रिपोर्टर भगवानदास शाह
बुरहानपुर। अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर 5 माह बाद वाल्मीकि समाज के पदाधिकारी, कर्मचारियों में फिर आक्रोश दिखाई दिया। शुक्रवार को बड़ी संख्या में नगर पालिका निगम के प्रांगण में एक घंटा बैठकर नारेबाजी कर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी गई। अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ट्रेड यूनियन के प्रदेश महामंत्री कालू जंगाले ने बताया कि हमारी विभिन्न लंबित मांगे पुरी नहीं हुई है, जिसके विरोध स्वरूप आज हमने निगम का घेराव किया है। उन्होंने बताया कि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर पूरे भारत में छुट्टी दी जाती है, लेकिन जब से गणेश पाटिल को स्वास्थ्य विभाग का प्रभार दिया गया है, तब से कर्मचारियों का वह शोषण कर रहे है, कर्मचारियों के घर में मृत्यु होने पर भी वह छुट्टी नहीं देते, ऐसे अपात्र अधिकारी को कार्य से हटाना चाहिए। क्योंकि इनका मूल पद सुपर वायजर हैं और इन्हें स्वास्थ विभाग अधिकारी बना दिया गया। उन्होंने बताया कि हमने गणेश पाटिल की आजाक थाने सहित वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायत की है। वहीं उन्होंने बताया कि विनिमित कर्मचारी, मस्टर कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के एरियस की संपूर्ण राशि दीपावली पर्व के पूर्व दी जाए। बता दे नगर निगम द्वारा पूर्व में रविवार का अवकाश घोषित किया गया था, जिसको बंद कर दिया गया है, उन्होंने रविवार का अवकाश लागू करने को लेकर भी मांग पूरा करने को कहा है। आक्रोशित कर्मियों ने नगर निगम को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है यदि दो दिवस में मांगों का निराकरण नहीं होता है, तो वाल्मीकि समाज मंगलवार से उग्र आंदोलन कर धरना प्रदर्शन करेंगा। वहीं वाल्मिकी समाज के जिला मीडिया प्रभारी उमेश जंगाले ने बताया कि जो लोग आजादी के समय से निगम द्वारा आवंटित क्वार्टर में रह रहे है, उन्हें आज दिनांक तक क्वार्टरों (भवन) का मालिकाना हक नहीं दिया गया है, जबकि शासन के स्पष्ट आदेश है कि क्वार्टरों में निवासरत लोगों को उनके क्वार्टरों का मालिकाना हक दिया जाए, उन्होंने कहा कि पूर्व निगमायुक्त के निर्देशानुसार निगम क्वार्टरों का सर्वे भी कराया जा चुका है। बावजूद वर्तमान आयुक्त इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। जबकि आवंटित क्वार्टर जीर्ण शीर्ण अवस्था में हो चुके हैं जिसमें कभी भी बड़ी घटना घट सकती हैं। उन्होंने कहा कि मालिकाना हक की मिलने से शासन को करोड़ों रुपयों की आय में वृद्धि होगी। इस मांग को जल्द पूरा किया जाए। वहीं समाज के राजेश मेहरोलिया ने बताया कि ठेका पद्धति में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है, ठेकेदार द्वारा कर्मचारियों को कम वेतन देकर उनका शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को कार्य पर बुलवाकर चार-चार बार बेवजह अंगूठा लगवाया जा रहा है। जिसमें खासकर महिलाएं परेशान हो रही है। राजेश मेहरोलिया ने कहा कि नगर पालिका निगम द्वारा पांच-पांच माह से कर्मियों को तनख्वाह नहीं दी जा रही है। जिससे लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। वहीं 1995 से आज तक सफाई कर्मचारी स्थाई नहीं किए गए हैं और ना ही उनकी नवीन भर्ती की गई है। जबकि 421 सफाई कर्मचारियों की पद शासन द्वारा स्वीकृत है, किंतु शहर में मात्र डेढ़ सौ कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। निगम द्वारा सौतेला व्यवहार अपनाते हुए सफाई कर्मचारियों की भर्ती नहीं करते हुए अन्य विभागों में भर्ती की जा रही है। वहीं उन्होंने बताया कि इसके पूर्व हमारे द्वारा हड़ताल की गई थी, जिसमें 11 सूत्रीय मांगों को पूरा करने पर महापौर, निगम अध्यक्ष एवं पार्षदों सहित अधिकारी एवं कर्मचारियों की सहमति बनी थी, जिसको 7 माह बीतने पर भी पूरा नहीं किया गया। जबकि अधिकारियों ने साथ दिवस का समय मांगा था, बावजूद उक्त मांगे लंबीत चले आ रही है। वहीं उन्होंने बताया कि जीपीएफ एवं ईपीएस, एमपीएस एवं नियमित कर्मचारी एवं स्थाई कर्मचारियों की लगभग दो वर्षों से उनके वेतन से राशि काटी जा रही है, जो आज तक उनके खातों में राशि जमा नहीं की गई। जिन सफाई कर्मचारियों को क्वार्टर आवंटित नहीं किए गए उन्हें ऐसे कर्मियों को 5000 प्रति माह मकान भत्ता दिया जाए। उक्त मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए कलेक्टर भव्या मित्तल एवं सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल व डिप्टी आयुक्त ने कर्मियों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही मांगों का निराकरण किया जाएगा। इस दौरान हुकुम जंगाले, सुमेर मेहरोलिया, राजेश कछवाए, राजा जंगाले, मनोज करोसिया राजू बोयत, राजेश उज्जैनवाल सहित 200 से अधिक समाज के लोग मौजूद रहे।

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