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पुलिस विभाग में सुधार की एक प्रयोगशाला से कम नहीं हैं नेमचंद सिंह

अपने नाम और काम से पहचाने जाने वाले नेमचंद सिंह का नाम उत्तर प्रदेश की पुलिस में एक बेहतरीन थाना प्रभारीयों में शुमार किया जाता है, नेमचंद के कामों की बात करें तो उन्होंने देश प्रदेश में बेहतरीन पुलिसिंग का उदाहरण पेश कर अपनी एक अलग पहचान बनाई, ऐसा लगता है कि वह एक बेहतर कार्य करने के लिए पुलिस विभाग में आएं हैं और आज ऐसे कामों को अंजाम दे रहे हैं जिनसे उनकी अलग पहचान बनी हुई है, जहां भी रहे जिस पद पर भी रहे उसको गौरवान्वित करने का काम नेमचंद सिंह ने किया, जी हां! वह नेमचंद सिंह जो बाबरी थाना प्रभारी के रूप में तीन साल से ज्यादा समय तक रहे तो वहां की काया पलट करके रख दी, उन्होंने बाबरी थाने में तीन साल से ज्यादा का समय व्यतीत किया और उसे थाने को आईएसओ प्रमाणित करने के अलावा राष्ट्रीय पटल पर मशहूर कर दिया, उनके समय में बाबरी थाने में इतना सुधार परिवर्तन और बदलाव देखने को मिला कि उच्च अधिकारियों ने अलग-अलग समय में उनकी पीठ थपथपा कर उनका उत्साह वर्धन किया, कोरोना काल में उनकी मानवता और दयालुता ने सभी को भाव विभोर करके रख दिया, जिन गरीब और मजलूमों के घर तक कोरोना कल में खाना नहीं पहुंचा उन्होंने ऐसे गरीबों की चौखट तक खाना पहुंचाने का काम बहुत दयालुता के साथ किया तो साथ ही साथ पुलिस का मनोबल और इकबाल बुलंद करने का काम भी करते रहे, उन्होंने वह कर दिखाया जो पुलिस विभाग में बहुत कम देखने को मिलता है,उनके नाम और काम की जितनी चर्चा की जाए वह कम है, इतना ही नहीं बाबरी थाना आईएसओ प्रमाणित करने के अलावा उसका सुधार करने, प्रदेश में नंबर वन और देश में तीसरे नंबर पर पहुंचाने के अलावा उन्होंने जहां भी पोस्टिंग पाई वहीं पर अपनी एक अलग छाप छोड़ी है, उनकी चर्चाएं होती हैं उनके काम का गुणगान होता है और आज भी नई मंडी थाना प्रभारी सहारनपुर पर बखूबी काम कर रहे हैं, वहां पर उन्होंने वही परिवर्तन और सुधार के किये जिसके लिए वह जाने जाते हैं, नई मंडी थाने में टीनशेड डलवाने के अलावा पानी की व्यवस्था, आगुंतकों के लिए बेहतर व्यवस्था,पुलिस बैरकों का सुधार, साफ सफाई, अनुशासन,देखते ही बनता है। नेमचंद सिंह वास्तव में सुधारो के प्रतीक हैं और यदि पुलिस विभाग में ऐसे और अधिकारी हों जाएं तो यकीनन पुलिस विभाग की पूरी तरह कायापलट होकर रह जाए, नई मंडी थाने में तैनाती के बाद से जो आमूल चूल परिवर्तन हुआ है वह वहां की खूबसूरती और व्यवस्था को बयां कर रहा है, व्यवहार कुशलता के धनी जीवट और मृदुभाषी नेमचंद सिंह पुलिस विभाग की एक शान हैं और हम यह बात बड़े गर्व और फक्र के साथ कह सकते हैं कि उनके समय में जो परिवर्तन और सुधार हुए हैं उनके दम पर वह बहुत उज्जवल भविष्य के साथ आगे तक जाएंगे,उनकी कार्यप्रणाली एक नजीर है उनके लिए जो पुलिस विभाग में रहकर पुलिस को बदनाम करने का काम करते हैं, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए उनसे एक सीख लेनी चाहिए कि किस प्रकार काम किया जाता है किस प्रकार जनता में पुलिस की छवि को सुधारा जाता है, अंत में केवल यही कहूंगा की नेमचंद सिंह पुलिस विभाग में सुधार की एक प्रयोगशाला से कम नहीं हैं।

नादिर राणा लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता मुज़फ्फरनगर।

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