बदलते रंग (नवरात्रि विशेष)
🪷✨🙏🏻नमन शारदे मां 🙏🏻✨🪷🥀🍂💫बदलते रंग 🥀🍂💫🌺नवदुर्गा में मां के आने पर ढोल बजाते हो फिर क्यों खुद के घर बेटी पाकर दुखित से हो जाते हो ।🌺मां -बहन का अनादर कर दुनिया को भक्त बनने का ढोंग दिखाते हो, मां तो अनमोल है उसकी महिमा का अंत नहीं फिर क्यों घर की लक्ष्मी का मोल लगाते हो। 🌺 खुद को बेटी नहीं चाहिए फिर क्यों बहू पाने के सपने सजाते हो ,जिस मां ने तुम्हारा पालन -पोषण किया, फिर क्यों उसी के अंश को अकेला पाकर दानव बन जाते हो। 🌺जो अपने जीवन की परवाह न कर तुम्हे जन्म देती है फिर क्यों कुकर्म कर उसकी कोख पर लांछन लगाते हो।🌺अपनी मां से मिलने समय नहीं है फिर क्यों पांडालों में जाकर भक्ति का चोला पहन आते हो।🌺जो घर में है वो तुमसे पूजी नहीं जाती फिर किसकी ताली बजा -बजाकर आरती गाते हो ।🌺मेरा कहना यह नहीं कि भक्ति और दर्शन मत करो परंतु जो हमारी जननी हैं उनका भी उतना ही सम्मान करो।