राजनीति - चुनाव में नामाकंन प्रक्रिया में आनलाइन नामाकंन का प्रतिशत कम होना।
देश के राजनेता जब डिजीटल इण्डिया की बात करते हैं तो ये बात सोचनीय हो जाती है कि जब चुनाव में नामांकन में suvidhaeci website का प्रयोग कर आनलाइन नामांकन करने का प्रतिशत नाममात्र क्यों है। मुख्यमंत्री हों या प्रधानमंत्री जब आप kyceci app में इनके नामांकन प्रपत्र देखेंगे तो ये आफलाइन भरे गये है ।
Suvidhaeci website में नामांकन फीस आनलाइन भरने का विकल्प तो दिखाता है पर ये विकल्प काम नहीं करता और आपको नकद राशि जमा करानी पड़ती है रिटर्निंग अधिकारी के आफिस में। अजीब है न समोसा आप आनलाइन पेमेंट से खरीद सकते हैं पर राजनेता बनने के लिए नामांकन फीस आप नकद भरते हैं। IAS/IPS बनने की पूरी प्रक्रिया आनलाइन फार्म भरकर होती है पर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, सांसद, विधायक, मंत्री आप आफलाइन फीस यानि नकद जमा कर बनते हैं।
चुनाव में नामांकन प्रक्रिया को पूर्णतया आनलाइन किया जाना अतिआवश्यक है । आनलाइन फार्म में एक कमी है आप हस्ताक्षर प्रिन्ट लेकर फिर करते हैं । हस्ताक्षर अपलोड की सुविधा नहीं है फार्म है जो होनी चाहिए। दस प्रस्तावकों के हस्ताक्षर अपलोड करने की सुविधा नहीं है जो होनी चाहिए।
Suvidhaeci website पर जाकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में आनलाइन नामांकन भरने का विकल्प है। अपने मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन करके फार्म भरा जा सकता है। राज्य सभा चुनाव में आनलाइन आवेदन की कोई सुविधा नहीं है । पार्षद चुनाव में भी आनलाइन फार्म भरने का विकल्प नहीं है । चुनाव आयोग को राज्य सभा एवं पार्षद चुनाव हेतु भी आनलाइन प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए व पर्याप्त विज्ञापन करना चाहिए जिससे आनलाइन प्रक्रिया के बारे में सबको जानकारी हो । साथ ही अनिवार्यता का नियम भी लागू होना चाहिए।