रतन टाटा बेहतरीन उद्योगपति नहीं बल्कि उद्योगपिता एवं समाजसेवी थे......उनका जाना देश का क्षति है : सैयद मुजफ्फरूल हक़
रतन टाटा एक बेहतरीन उद्योगपति नहीं बल्कि उद्योगपिता थे,ऐसा शख्सियत जो भारत ही नहीं पुरे विश्व पर अपनी एक छाप छोड़ गए |इतिहास के स्वर्ण पन्नों मे इनका नाम लिखा जायेगा | ये एक बिजनेसमैन नहीं बल्कि एक समाजसेवी थे जिन्होंने पैसे कमाना अपना जीवन का लक्ष्य कभी नहीं रखा, इनका लक्ष्य हमेसा से मानवता, इंसानियत के साथ रहा | आज जमशेदपुर की रौनक और देश भर मे जाना जाने वाला शहर इनकी ही देन है | इंसान के रूप मे देवता थे | मै अपने आपको सौभाग्यवान समझता हूँ की मै टाटा ग्रुप मे काम करता हूँ और अपने जीवन मे रतन टाटा साहब से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुवा था | ये देश के ऐसी संपत्ति थे जिनका इस दुनिया से जाना पुरे भारतवर्ष के लिए ऐसी क्षति है जिसका भरपाई कभी और कोई नहीं कर सकता |